सीएसआईआर पालमपुर देश में पहली बार तैयार करेगा पियोनी फूल, कंपनी के साथ किया एमओयू

पियोनी फूल के बीज को यहां के वातावरण के हिसाब से विकसित करने के लिए सीएसआईआर नीदरलैंड और हरियाणा की एक कंपनी के साथ मिलकर शोध करेगा। 

CSIR Palampur will produce peony flowers for the first time in the country, MoU signed with the company

हिमालयी जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर) पालमपुर देश में पहली बार नीदरलैंड के पियोनी फूल को उगाने पर शोध करेगा। इस फूल के बीज को यहां के वातावरण के हिसाब से विकसित करने के लिए सीएसआईआर नीदरलैंड और हरियाणा की एक कंपनी के साथ मिलकर शोध करेगा। नीदरलैंड की मैसर्ज डर्क शिपर और हरियाणा की जींद की मैसर्ज रेड मिर्ची कंपनी के साथ एमओयू साइन हो चुका है। हिमाचल प्रदेश के ठंडे क्षेत्र लाहौल-स्पीति, लद्दाख और कारगिल में इसके पौधे उगाकर उस पर अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद फूल की किस्में देश भर के किसानों तक पहुंचाई जाएंगी।

देश भर में होने वाले बड़े शादी-समारोहों में सजावट के लिए पियोनी फूल को नीदरलैंड से आयात किया जाता है। इसके एक बीज (वाल्व) की कीमत करीब 500 रुपये तक रहती है। शुरुआत में इस फूल की 10,000 पौध का बीज मंगवाया गया है। फूल चार साल में तैयार होता है। इसका झाड़ 25 से 30 साल तक रहता है। फूल के एक झाड़ पर हर सीजन में 25 से 30 फूल लगते हैं। बाजार में एक फूल की कीमत 350 रुपये तक रहती है। पियोनी के टिशू कल्चर और कई किस्मों पर शोध के चलते उम्मीद जगी है कि महंगा बिकने वाला फूल अब देश में पैदा हो सकता है। हालांकि, इसकी सफेद जंगली किस्म उगती है, लेकिन वह बाजार में बिकने वाले गुलाबी फूल के अनुरूप नहीं होती।

फूल पर जल्द शुरु होगा शोध : डाॅ. भव्य भार्गव
सीएसआईआर के फूल विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. भव्य भार्गव ने कहा कि पियोनी फूल को लेकर जल्द शोध शुरू होगा। उम्मीद है कि फूल अब देश में बड़ी मात्रा में तैयार होगा। इससे नीदरलैंड से निर्भरता कम होगी और देश के लोगों को सस्ता भी पड़ेगा। इसे कारगिल, लद्दाख और लाहौल-स्पीति में शोध के लिए लगाया जा रहा है। इसकी कई किस्में तैयार की जाएंगी।

फूल को तैयार करने के बाद देंगे किसानों को : निदेशक
सीएसआईआर के निदेशक डाॅ. सुदेश कुमार यादव ने कहा कि इस फूल के तैयार होने पर इसे किसानों तक पहुंचाया जाएगा। इससे किसानों की आर्थिकी मजबूत होगी। हरियाणा की कंपनी इसे आगे किसानों तक पहुंचाने में अपना सहयोग करेगी।

वास्तु शास्त्र में माना गया है चमत्कारी
वास्तु शास्त्र में फूलों की रानी कहे जाने वाले सौंदर्य व रोमांस के प्रतीक इस फूल को चमत्कारी माना गया है। घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और इसके प्रभाव से शादी में आ रही बाधा दूर होती है। इस पौधे को दक्षिण पश्चिम दिशा में लगाने से परिवार के बीच संबंध मजबूत होते हैं। बड़े शादी समारोहों में इसे लगाने का एक तर्क ये भी है।

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