खुदरा कारोबारियों के शीर्ष संगठन कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने दावा किया कि आज किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में कैट की अपील पर देश भर के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोले और बाजारों में सामान्य रूप से कारोबार हुआ। भारत बंद का बाज़ारों पर कोई प्रभाव नहीं दिखा। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि यह सत्य है कि देश भर में बड़ी संख्या में किसानों को खेती में नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके लिए सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि किसान की नुकसान की खेती को लाभ में कैसे बदला जाए।
सरकार और किसानों के बीच बातचीत इस मुख्य बिंदु पर होनी चाहिए और कोई भी फार्मूला निकालते समय अर्थव्यवस्था के अन्य वर्गों एवं उपभोक्ताओं के हितों को भी ध्यान में रखा जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसानों की जो माँगे है, यदि उनको पूरा किया गया तो अर्थव्यवस्था पर क्या विपरीत प्रभाव अथवा वित्तीय बोझ पड़ेगा, उस पर भी ध्यान दिया जाना ज़रूरी है। श्री भरतिया ने किसानों को एकमात्र प्रदाता (अन्नदाता) के रूप में चिह्नित करने पर कहा कि यदि किसान अन्नदाता है, तो व्यापारी भी करदाता है, जिनका राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है।
उन्होंने जोर दिया कि व्यापारियों का राष्ट्रीय खजाने में योगदान कभी भी कम नहीं आंका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीतों के बीच किसी भी प्रकार के बंद का कोई औचित्य नहीं है। उन्हें सरकार से पूरी उम्मीद है कि वो इस समस्या का सर्वमान्य हल अवश्य निकलेगी। श्री भारतिया ने कहा कि विवादों का समाधान करने और सकारात्मक परिवर्तन को प्रेरित करने के लिए बातचीत और योजनाबद्ध जुड़ाव ही काम करेगा। कैट ने किसानों की समस्या को शांतिपूर्ण बातचीत के लिए अपनी पुन: आवाज को दोहराया और सभी संबंधित पक्षों को सहमतिजनक समाधान की दिशा में काम करने की सलाह दी है।