विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन की बैठक शुरू होने से पहले भाजपा विधायक दल ने कांग्रेस सरकार की गारंटियों को लागू न करने के आरोप लगाते हुए परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। जानें आज की कार्यवाही में अभी तक किन मुद्दों पर हुई चर्चा
एक लाख सरकारी नौकरी दिलाने के मुद्दे पर सदन में फिर हंगामा, सुक्खू-जयराम में नोकझोंक
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन की बैठक शुरू होने से पहले भाजपा विधायक दल ने कांग्रेस सरकार की गारंटियों को लागू न करने के आरोप लगाते हुए परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रश्नकाल शुरू होने से पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए राज्य में रोजगार की गारंटी को लागू नहीं करने का आरोप लगाया।
सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस घोषणापत्र में लिखा है कि सरकार बनते ही राज्य में एक लाख बेरोजगारों को सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। पांच वर्ष में पांच लाख युवाओं को रोजगार दिलाया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के घोषणापत्र की कुछ पंक्तियां भी पढ़ीं। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि इसकी एक प्रति सदन में रखी जाए। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पांच साल में सरकारी रोजगार देने की बात है। इनको पढ़ने दीजिए।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस का 10 गारंटी पत्र अलग है। घोषणापत्र अलग से है। ये दोनों को मिक्स कर रहे हैं। अगर घोषणापत्र में लिखा है कि पांच साल में पांच लाख लोगों को रोजगार देंगे तो दिया जाएगा। एक लाख सरकारी नौकरियों को देने की बात लिखी है तो इन्हें भी दिया जाएगा। 30 हजार नौकरियां इसी साल कर दी गई हैं। जो 70 हजार बची हैं, पांच साल में उन्हें भी दिया जाएगा। पांच वर्ष में पांच लाख को रोजगार देने की बात है।
ग्रामीण सड़कों की मैटलिंग में पर ज्यादा देने की जरूरत: रवि ठाकुर
बजट पर चर्चा की शुरुआत पालमपुर के कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए की। उन्होंने कहा कि बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। मुख्यमंत्री ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की सोच को मद्देनजर रखते हुए यह बजट पेश किया है। बजट से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। मंडी के भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में दूर-दूर से दूध लाना होता है। बजट में इसके खरीद पर बात नहीं है। प्रोसेसिंग लागत बढ़ेगी और दूध नहीं बिकेगा तो इसे कहां ले जाएंगे। लाहौल-स्पीति के कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि यह बजट जनहित में है।
बजट में बहुत से प्रावधान किए गए हैं, जिनका हिमाचल प्रदेश को लाभ होने वाला है। ग्रामीण सड़कों की मैटलिंग में ज्यादा रूचि लिए जाने की जरूरत है। खेल मैदान की गतिविधियों को बढ़ावा देने का मामला भी अच्छा है। लाहौल-स्पीति की महिलाओं के लिए 1500 रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की गई है। यह बहुत जल्दी शुरू होगा। पानी के स्रोत बहुत पीछे चले गए हैं। इनकी दोबारा से रिमॉडलिंग करनी होगी। इस पर भी ध्यान दिया जाए। पर्यटन को बढ़ाने के लिए जो योजनाएं चलाई गई हैं। हर जिले में मिनी सचिवालय की जिलाधीश कार्यालय के पास बनाने की योजना है। धूमल सरकार के वक्त में 2003 में इसका शिलान्यास किया गया, मगर यह अभी तक पूरा नहीं किया गया है।
बीपीएल बागवानों को किया जा सकता है देनदारियों का नकद भुगतान: जगत नेगी
ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर के सवाल के जवाब में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि एचपीएमसी और हिमफेड की देनदारियों का भुगतान पिछले कई वर्षों से नहीं किया गया है। कई किसानों-बागवानों ने बैंकों से कर्ज लिया हुआ है। कोई निश्चित तिथि बताई जाए कि कब तक भुगतान होगा। 20 लीटर का जो तेल स्प्रे के लिए होता है, हिमफेड में 2750 रुपये में मिल रहा है। बाजार में यह 2400 से 2500 रुपये में मिलता है। 250 रुपये तक का गैप आ रहा है। क्या इसे ठीक करेंगे। बुधवार को इस पर बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मंडी मध्यस्थता के तहत कुल लंबित राशि 78 करोड़ है।
जैसे-जैसे बजट आता है, इसे देते हैं। नकदी के बजाय उत्पाद दिए जाते हैं। हाल ही में 22 करोड़ रुपये के उत्पाद दिए गए हैं। एचपीएमसी का बाजार रेट भी घटाया गया है। एचएमओ मार्केट रेट से कम पर दिलाया जा रहा है। वर्तमान में बाजार से महंगे उत्पाद नहीं दिए जा रहे हैं। अनुपूरक प्रश्न में भाजपा विधायक बलवीर सिंह वर्मा ने कहा कि आईआरडीपी के लोगों को तुरंत नकद भुगतान किया जाए। इसमें गुणवत्ता में फर्क पड़ रहा है। जगत सिंह नेगी ने कहा कि जो भी इनपुट दे रहे हैं, वे गुणवत्ता वाले हैं। बीपीएल को लोगों को नकदी में देंगे। यह अच्छा सुझाव है। अगर पैसा मिलेगा तो यही करेंगे
विधायक लिखकर देंगे तो राशि जमा कर देंगे: सुक्खू
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने पूछा कि 1 जनवरी 2023 से 15 जनवरी 2023 तक कितनी राशि जिलों में आवंटित की गई है। यह राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई है। क्या यह धनराशि सोलर लाइटों पर भी खर्च की जाती है? इस पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि विकास में जनसहयोग में कई जिलों में राशि ज्यादा आ जाती है। कई में कम आती है। इसका जनसंख्या के आधार पर आवंटन किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विधायक इस बारे में लिखकर देंगे। लोगों का शेयर जमा हो जाएगा तो राशि दे दी जाएगी। जमीन की उपलब्धता न होने के कारण भी कई मामले फंसे हैं।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने ये कहा
इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि रिकॉर्ड को देखेंगे तो सीएम ने कहा था कि उन्होंने पांच लाख नौकरियां नहीं, रोजगार का जिक्र किया है। आज दस्तावेज रख रहे हैं। घोषणापत्र में भी इसे लिखा गया है। लेकिन विशेष रूप से सरकारी नौकरी का जिक्र इसमें है। इस पर मुख्यमंत्री को क्षमा मांगनी चाहिए। यह भी हैरान करता है कि घोषणापत्र अलग है और गारंटी अलग है। उस वक्त शायद इन्हें विश्वास में नहीं लिया जाता था।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार के प्रति जवाबदेही के लिए दो तरह के पत्र थे। इसमें एक घोषणापत्र है और दूसरा गारंटी पत्र है। बीते दिन इन्होंने गारंटी पत्र की बात की थी। उन्होंने दोहराया कि पांच साल में पांच लाख लोगों को रोजगार के अवसर देंगे। पांच साल में एक लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में पदों को भरा जा रहा है। बीते दिन त्रिलोक जम्वाल ने गारंटी पत्र बोला है या घोषणापत्र बोला है। इसे रिकॉर्ड में देखा जाए। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि इसे देखा जाएगा।