शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने मुसाफिर की घर वापसी करवाई थी। प्रतिभा ने मुसाफिर का स्वागत करते हुए कहा था कि इनकी वापसी से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और सिरमौर के पच्छाद से पूर्व विधायक गंगूराम मुसाफिर की शनिवार को कांग्रेस में हुई वापसी पर पार्टी हाईकमान ने यू टर्न ले लिया है। रविवार देर शाम को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल की ओर से बताया गया कि मुसाफिर को पार्टी में लेने का मामला अभी लंबित है। इस बाबत अंतिम फैसला होना शेष है। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने मुसाफिर की घर वापसी करवाई थी। प्रतिभा ने मुसाफिर का स्वागत करते हुए कहा था कि इनकी वापसी से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।विज्ञापन
मुसाफिर ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की मौजूदगी में हुई शिमला संसदीय सीट के पदाधिकारियों की बैठक में भी भाग लिया था। अब रविवार देर शाम को कांग्रेस के प्रदेश संगठन महामंत्री रजनीश किमटा की ओर से एक स्पष्टीकरण जारी कर बताया गया कि गंगूराम मुसाफिर को पार्टी में वापस नहीं लिया गया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उन्हें छह साल के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्कासित किया गया है। विज्ञापन
शुक्ल ने स्पष्ट किया है कि पार्टी में गंगूराम मुसाफिर की वापसी का निर्णय दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के पास लंबित है। उधर, सूत्रों ने बताया कि मुसाफिर की घर वापसी को लेकर कांग्रेस के एक धड़े के विरोध के बाद रविवार को पार्टी को बैकफुट पर आना पड़ा है। बीते विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ और नेताओं को भी पार्टी विराेधी गतिविधियों के लिए निष्कासित किया है। इन नेताओं की घर वापसी को लेकर शुरू हुई मुहिम कुछ नेताओं को रास नहीं आ रही है।विज्ञापन
ऐसे में मुसाफिर सहित कुछ अन्य नेताओं की कांग्रेस में वापसी को रोक दिया गया है। कांग्रेस के इस बदले रुख ने सियासत को गरमा दिया है। एकजुटता का संदेश देते हुए चुनावों में उतरने जा रही कांग्रेस गुटबाजी फिर सामने नजर आ रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह से इस बाबत संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उधर, इस संबंध में गंगूराम मुसाफिर से बात करनी चाही, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।