हाथ और फूल देखकर वोट देना, लाउड स्पीकर से वोट मांगने और महिलाओं को बिंदियां बांटकर प्रचार का प्रचलन खत्म हो गया है
हिमाचल में चुनाव प्रचार का ट्रेंड बदल गया है। हाथ और फूल देखकर वोट देना, लाउड स्पीकर से वोट मांगने और महिलाओं को बिंदियां बांटकर प्रचार का प्रचलन खत्म हो गया है। इसकी जगह अब पार्टी के समर्थक लोगों के घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं।विज्ञापन
रोड शो, रैलियों, बसों और गाड़ियों में भी प्रत्याशियों के पंफ्लेट बांटकर प्रचार हो रहा है। पहले जनता पंचायत और विधानसभा चुनाव में दिलचस्पी लेती थी, अब लोकसभा चुनाव को भी गंभीरता से लिया जाने लगा है।
शहरों की अपेक्षा अब गांव में भी लोग काबलियत देखकर प्रत्याशियों को वोट देने की बात कर रहे हैं। मतदाता प्रत्याशियों से सवाल जवाब कर रही हैं। पांच सालों में कितने बार क्षेत्र का दौरा किया? कौन कौन से विकास कार्यों को सिरे चढ़ाया? संसदीय क्षेत्र के लिए क्या करना चाहते हैं? इस तरह की टिप्पणी हो रही है। सोशल मीडिया भी प्रचार का जरिया है। विज्ञापन
प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। राजनीतिक दल अपने अपने प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए खूब पसीना बहा रहे हैं। भाजपा ने हिमाचल के चारों संसदीय क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिए हैं।
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कांग्रेस ने शिमला और मंडी में ही प्रत्याशी दिए हैं। दोनों क्षेत्रों में चुनाव प्रचार ने रफ्तार पकड़ी है। दोनों सीटों पर कांटे की टक्कर है। प्रत्याशी संसदीय क्षेत्र का कोना-कोना छान रहे हैं। प्रत्याशियों और नेताओं की रैलियां रखवाई जा रही हैं। पार्टी के बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।