कांग्रेस के हाथ एक सफलता भाजपा से दो बार के विधायक रहे किशोरी लाल को अपने पक्ष में झटककर लगी है। मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस को अभी ऐसे ही और असंतुष्टों की तलाश है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को उनके घर में घेरने का व्यूह रचने वाली भाजपा को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के गृह संसदीय क्षेत्र में झटका देने की कांग्रेस रणनीति बना रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस के हाथ गुरुवार को एक सफलता भाजपा से दो बार के विधायक रहे किशोरी लाल को अपने पक्ष में झटककर लगी है। मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस को अभी ऐसे ही और असंतुष्टों की तलाश है। इस क्षेत्र में भाजपा की कमजोर कड़ियाें पर कांग्रेस की पैनी नजर है।
जिस तरह से भाजपा ने कांग्रेस से एक के बाद एक नेता अपने साथ लाकर कांग्रेस का मनोबल तोड़ने की कोशिश की, उसी तरह कांग्रेस भी यही सियासी गेम खेलने में जुट गई है। मंडी संसदीय क्षेत्र के आनी में भाजपा नेता रहे किशोरी लाल अनदेखी से नाराज थे।
2022 के विस चुनाव में सिटिंग विधायक रहते हुए भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था और उन्होंने भाजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। वह 2007 में पहली बार कांग्रेस से सात बार विधायक रहे ईश्वर दास को हराकर भाजपा के विधायक बने थे। 2012 में भी किशोरी ही भाजपा के उम्मीदवार थे, मगर वह कांग्रेस के खूबराम से हार गए थे। 2017 में कांग्रेस के परसराम को हराकर वह फिर विधायक बने।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ऐसे असंतुष्ट भाजपा नेताओं की टोह लेने में जुटी है, जिनके पिछले चुनाव में टिकट कट गए थे। इससे पहले सुजानपुर से भी भाजपा के पिछली बार के प्रत्याशी रंजीत राणा को अपने साथ मिलाकर और उपचुनाव में प्रत्याशी बनाकर भाजपा को उल्टा जवाब दे चुकी है।
गगरेट में पूर्व विधायक राकेश कालिया की कांग्रेस में वापसी करवाई और उपचुनाव के लिए टिकट दिया। इससे पहले भाजपा ने चार सिटिंग विधायकों राजेंद्र राणा, इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा को अपने साथ मिलाकर व उपचुनाव में टिकट देकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था।
पूरे प्रदेश में कई नेता भाजपा से कांग्रेस में आने को तैयार हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र के अलावा अन्य लोकसभा सीटों पर भी ऐसे कई नेता संपर्क में हैं, मगर मेरिट पर ही नेता भाजपा से कांग्रेस में लिए जा रहे हैं। – नरेश चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस
किशोरी लाल लंबे समय से भाजपा में सक्रिय थे, जबसे उनका टिकट कटा, उनकी सक्रियता घटी थी। इसका मंडी में भाजपा को फर्क नहीं पड़ेगा। भाजपा के संपर्क में भी कांग्रेस के कई नेता हैं। कांग्रेस तो अब डूबता जहाज है।