मुख्यमंत्री सुक्खू पर हमीरपुर, उपमुख्यमंत्री मुकेश पर ऊना और मंत्री धर्माणी पर बिलासपुर की किलेबंदी का जिम्मा है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में भाजपा का चक्रव्यूह भेदने को कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा के सारथी बनेंगे। इस सीट पर लगातार आठ चुनावों से मिल रही हार का सिलसिला तोड़ने का कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर दाराेमदार है। मुख्यमंत्री सुक्खू पर हमीरपुर, उपमुख्यमंत्री मुकेश पर ऊना और मंत्री धर्माणी पर बिलासपुर की किलेबंदी का जिम्मा है।
कांग्रेस को हमीरपुर संसदीय सीट पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेमकुमार धूमल और प्रत्याशी व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की तिकड़ी से मुकाबला करना है। ऐसे में भाजपा और कांग्र्रेस के दिग्गज नेताओं के इस गृह संसदीय क्षेत्र में चुनावी मुकाबला दिलचस्प रहने वाला है। दोनों दलों के बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा इस संसदीय सीट के चुनाव से जुड़ी हुई है। 1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हमीरपुर संसदीय सीट पर जीत दर्ज की थी।
इसके बाद 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुरेश चंदेल हमीरपुर से जीते थे। 2007 में हुए उपचुनाव में प्रो. प्रेमकुमार धूमल ने जीत दर्ज की। इसके बाद 2008 में हुए उपचुनाव सहित 2009, 2014 और 2019 के आम चुनाव में अनुराग ठाकुर यहां से लगातार चार चुनाव जीत चुके हैं। 1998 से 2019 तक हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने हमीरपुर और बिलासपुर से ही प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे लेकिन कोई भी नेता पार्टी को जीत नहीं दिला सका। कांग्रेस ने 28 साल फिर ऊना जिला से हमीरपुर सीट पर प्रत्याशी उतारा है।
पूरे दमखम से लड़ेंगे चुनाव, इस बार बदला है माहौल : धर्माणी
कांग्रेस पार्टी पूरे दमखम से हमीरपुर संसदीय सीट पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी के बड़े से लेकर छोटे नेता और कार्यकर्ताओं की जिम्मेवारी तय की गई है। कांग्रेस नया प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा है। इस बार हिमाचल प्रदेश सहित पूरे देश में माहौल बदला है। मोदी फैक्टर कहीं पर भी नहीं है। प्रदेश सरकार के 15 माह के कार्यकाल और कांग्रेस पार्टी की न्याय गारंटियों को लेकर चुनाव प्रचार किया जा रहा है।