भट्ठाकुफर फल मंडी में स्पर सेब की दस्तक, 1,550 में बिका हाफ बॉक्स

Spur apple arrives in Bhattakufar fruit market, half box sold for Rs 1,550

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की भट्ठाकुफर फल मंडी में वीरवार को स्पर सेब ने दस्तक दे दी है। मंडी में पहले दिन करसोग के कनेरी क्षेत्र से बागवान स्पर सेब की 33 पेटियों की खेप लेकर पहुंचा। इस दौरान भट्ठाकुफर फल मंडी में जीएसएस फार्म पर 10 किलो का हाफ बॉक्स 1,550 रुपये के हिसाब से बिका। गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष शुरुआत में स्पर के कम दाम मिले हैं। इसके चलते बागवान मायूस हैं। गत वर्ष भट्ठाकुफर फल मंडी में शुरुआत में स्पर सेब 175 से 185 रुपये प्रतिकिलो तक बिका था। इस वर्ष 155 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिका है। हिमाचली स्पर सेब की बाहरी राज्यों की मंडियों में ज्यादा मांग रहती है।

आढ़तियों का कहना है कि अभी सेब की स्पर किस्म पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है। समय से पहले ही यह मंडी में आनी शुरू हो गई है, वहीं सूखे की मार की वजह से सेब का आकार भी सही से नहीं बन पाया है। फार्म के संचालक संजीत ने बताया कि इस सीजन की स्पर सेब की पहली खेप गुरुवार को पहुंची।  स्पर ज्यादा अच्छी गुणवत्ता का नहीं था, आने वाले दिनों में यदि मौसम अनुकूल रहता है तो बागवानों को बेहतर दाम मिल सकते हैं। इसके अलावा मंडी में वीरवार को रेड गोल्डन सेब की खेप भी फल मंडी में पहुंची। इसके हाफ बॉक्स के 800 से 1,200 रुपये तक दाम मिले। भट्ठाकुफर फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान प्रताप चौहान ने सेब की आवक बढ़नी शुरू हो गई है।

सही दाम न मिलने पर वापस ले गया खेप
भट्ठाकुफर फल मंडी में वीरवार को स्पर और रेड गोल्डन के अलावा रॉयल सेब भी बिकने के लिए आया। बागवान फसल के सही दाम न मिलने से बिना बेचे दूसरी मंडी के लिए ले गया। करसोग के नेरी क्षेत्र से बागवान 65 पेटियों की खेप लेकर मंडी में पहुंचा था। फल मंडी में ओएक्सडी 49 नंबर फार्म पर रॉयल सेब की 1,400 रुपये प्रति पेटी बोली लगी। इससे बागवान नाखुश था। फार्म के संचालक मंयक ने बताया कि रॉयल के सेब में बिल्कुल भी रंग नहीं आया था। इसके चलते उसे कम दाम मिला। ज्यादा दाम न मिलने की वजह से बागवान अपनी फसल को बिना बेचे चला गया। बताया कि गत वर्ष शुरुआत में अच्छी किस्म के रॉयल की पेटी दो हजार रुपये में बिकनी शुरू हुई थी। 

अल्टरनेरिया रोग को घोषित किया जाए महामारी : राठौर
प्रदेश की पांच हजार करोड़ की सेब आर्थिकी पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने वीरवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि सेब के बगीचे अल्टरनेरिया नामक बीमारी की चपेट में आ गए हैं, जिसका सीधा असर सेब के आकार और रंग पर हो रहा है। सेब के पत्ते समय से पहले ही झड़ रहे हैं जिस वजह से प्रदेश के बागवान चिंतित हैं। राठौर ने सेब पर फैली इस अल्टरनेरिया बीमारी को महामारी घोषित करने की मांग केंद्र सरकार से की है। रोकथाम के लिए सहयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अल्टरनेरिया बीमारी प्रदेश के कई इलाकों में महामारी का रूप धारण कर चुकी है। कुछ इलाकों में 95 फीसदी बगीचे बीमारी की चपेट में आ गए हैं। राठौर ने कहा कि वर्ष 1982- 83 में भी सेब पर स्कैब बीमारी लग गई थी, जिस पर केंद्र ने मदद की थी। बागवानी विभाग ने टीमें भेजी हैं लेकिन इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए अनुसंधान की भी जरूरत है। 

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