गलोड़ निवासी एक व्यक्ति से 5 लाख 34 हजार की ऑनलाइन ठगी के मामले को हमीरपुर पुलिस ने पांच दिन में सुलझा दिया है। साइबर फ्रॉड के शिकार व्यक्ति को पुलिस के माध्यम से यह पैसा वापिस मिल गया है। कस्टम में ड्रग और हवाला के पैसों और आंतकी गतिविधियों में संलिप्तता होने का डर दिखाकर यह ठगी 24 जुलाई को अंजाम दी गई थी। ठगी के लिए शातिरों ने ऐसा जाल बुना कि पढ़े-लिखे गलोड़ निवासी बालचंद राजपूत उनके झांसे में आ गए और अपनी पांच लाख 34 हजार की एफडी तोड़ कर शातिर के खाते में चैक लगा दिया।
इस मामले में जब बालचंद को ठगी का शक हुआ तो उन्होंने हमीरपुर पुलिस को सूचित किया। एसपी हमीरपुर भगत सिंह की ओर से यह केस साइबर यूनिट को सौंपा गया। इस केस को साइबर पोर्टल पर अपलोड किया गया, जिसके तुरंत बाद साइबर यूनिट ने कार्रवाई करते हुए जिस खाते में पैसा डाला गया था, उन खातों को फ्रीज कर दिया गया। इन खातों से यह पैसा अन्य खातों में भेज दिया गया था, लेकिन पुलिस ने सभी खातों को फ्रीज कर दिया। इसके बाद तीन दिन की कार्रवाई के भीतर पुलिस ने साइबर पोर्टल की शिकायत की कॉपी कोर्ट में पेश की। इसके बाद अदालत से पैसों के रिलीज का ऑर्डर जारी हुआ। पहली अगस्त को पुलिस के माध्यम से पीड़ित को बैंक खातों में पैसा वापस आया।
साइबर यूनिट का यह पहला केस, मिली बड़ी सफलताहमीरपुर पुलिस की साइबर यूनिट के गठन के बाद टीम को यह पहला केस दिया गया था। इस टीम में एएसआई अमी चंद, कांस्टेबल दीपक कुमार और रोहिन शर्मा शामिल रहे। इस यूनिट ने अपने पहले ही केस को पांच दिन में क्रके कर पैसा वापस पीड़ित को लौटा दिया है।
वहीं पुलिस अधीक्षक भगत सिंह ने कहा कि साइबर टीम ने अच्छा कार्य किया है। इस तरह के मामलों में सभी लोग सतर्कता बरतें और साइबर अपराध का शिकार होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
शिकायतकर्ता बालचंद राजपूत ने कहा कि पुलिस ने बेहतर ढंग से उनके केस को सुलझाया है। उन्हें ड्रग, हवाला और अंडरवल्र्ड का खौफ दिखाकर ठगा गया, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से उनको पांच लाख 34 हजार वापस मिल गए हैं।