हिमाचल प्रदेश में बिकने वाले मांस और इससे बने खाद्य पदार्थों में पेस्टिसाइड रेजिड्यू (कीटनाशक अवशेष) समेत अन्य हेवी मेटल्स की जांच होगी। इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम बाजार से सैंपल भरेगी। खास बात यह है कि सैंपलों की जांच प्रदेश में नहीं बल्कि बाहरी राज्यों की प्रयोगशाला में होगी। अगर मीट और मांस के उत्पाद में कीटनाशक अवशेष पाए गए तो दुकानदारों या जहां से माल आया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर से विभाग को सैंपल भरने के आदेश दिए हैं।
इसके बाद कई जिलों में मीट और मीट के उत्पादों से संबंधित सैंपलों को भरना शुरू कर दिया है। विभाग को बीते दिनों शिकायतें मिली थी कि मीट और मीट से बनने वाले खाद्य पदार्थों में कीटनाशक अवशेष का प्रयोग हो रहा है। यानी कच्चे माल में टीके लग रहे हैं। इसके साथ अंडे में भी कीटनाशक अवशेष होने की आशंका है। इस प्रकार के टीके से शरीर को काफी क्षति पहुंचती है। यह रिपोर्ट एफएसएसएआई को भेजी गई। इसके बाद एफएसएसएआई ने हर जिले में कच्चा मांस और तैयार माल के सैंपल भरने के लिए कहा है ताकि कीटनाशक के अवशेष का पता लग सके।
सोलन से 16 सैंपल भरे
जिला सोलन में अभी तक मीट और मांस से बने खाद्य पदार्थों के 16 सैंपल भरे हैं। इनमें अंडे, चिकन कीमा, उबला हुआ चिकन, मरीनेटिड मटन, फ्रेजन चिकन, स्पाइसी एंड क्रिस्पी चिकन, बारबिक्यू चिकन समेत अन्य सैंपल के सैंपल शामिल हैं। सोलन जिला में दो टीमें बाजार से सैंपलों को लेकर प्रयोगशाला में भेज रही है। इसमें एक टीम एफएसओ अनुज शर्मा की अध्यक्षता में काम कर रही है और बीबीएन में निरीक्षण कर रही है। दूसरी टीम एफएसओ दीक्षा कपित की अध्यक्षता में शहर और अन्य जगहों से सैंपल ले रही है।
मीट और इससे बने उत्पादों में कीटनाशक अवशेष की जांच की जा रही है। इसके लिए सैंपलों को भरा जा रहा है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी की टीम कार्य कर रही है। सोलन जिले में अभी तक 16 सैंपल भर दिए हैं। इन्हें जांच के लिए बाहरी राज्यों की लैब में भेजा जा रहा है। जहां से दो सप्ताह में सैंपलों की रिपोर्ट आ जाएगी।