नेताओं से जुगाड़ लगाकर घर के पास प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं देने वाले स्वास्थ्य महकमे के 400 से ज्यादा मेडिकल अफसरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को मूल स्थान पर आना होगा। सरकार ने प्रतिनियुक्ति पर गए इन अधिकारियों और कर्मचारियों के डेपुटेशन रद्द करने के लिए कहा है। स्वास्थ्य निदेशालय ने भी इसकी सूची मांगी है। कई डेपुटेशन पर गए डाॅक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ के सदस्यों ने वापस अपने मूल स्थान पर सेवाएं देने भी शुरू कर दी हैं।
प्रदेश सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि अफसरों और कर्मचारियों की जहां तैनाती की गई है, वहां पर सेवाएं देने के बजाय प्रतिनियुक्ति पर घर के पास ड्यूटी दे रहे हैं। दूरदराज के अस्पतालों में नर्सों की भारी कमी है। औषधालय में पैरा मेडिकल स्टाफ भी कम है। सरकार दो से तीन महीने बाद डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ के पदों को भर रही है।
कुछ समय तक सेवाएं देने के बाद यह मेडिकल अफसर, नर्सें जुगाड़ लगाकर घर के आसपास के अस्पतालों और औषधालय में अपना डेपुटेशन करा रहे हैं। प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ करना चाह रही है। सरकार ने भी जनजातीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को घर द्वार पर सुविधाएं देने की पहल की है। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रकाश चंद दरोच ने कहा है कि प्रतिनियुक्ति पर गए डाॅक्टरों नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को वापस अपने मूल स्थान पर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कहा गया है। कई ने ड्यूटी ज्वाइन भी कर ली है।
कई अस्पतालों में जरूरत से ज्यादा स्टाफ
सरकार को शिकायतें मिली है कि हिमाचल के कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला और सिविल अस्पतालों में जरूरत से ज्यादा स्टाफ है। ऐसे में इस स्टाफ को भी इधर से उधर किया जाना है। प्रदेश सरकार की ओर से इसको लेकर सख्त निर्देश हैं।