हिमाचल प्रदेश के युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। गलत खानपान इसका सबसे बड़ा कारण है। युवा जंक फूड का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। मंडी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के दो दिवसीय राज्य चिकित्सा सम्मेलन हिम मेडिकॉन में चिकित्सकों ने कई खुलासे किए। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर चिकित्सकों को संबोधित करते हुए अटल मेडिकल विश्वविद्यालय नेरचौक मंडी के उपकुलपति प्रो. सुरेंद्र कश्यप ने कहा कि भारत सभी देशों से अधिक डाॅक्टर हर साल तैयार करता है।
देश में इस समय 700 मेडिकल काॅलेज हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य होने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में देशभर में उत्तम है। यहां पर 834 लोगों पर एक चिकित्सक है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का औसत प्रति चिकित्सक 1,000 लोग हैं। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सकों और अन्य स्टाफ के प्रति निरंतर हो रही हिंसक घटनाओं पर चिंता जताई। कोलकाता का जिक्र भी किया और कहा कि ऐसे मामलों में तत्काल एक्शन लेने की जरूरत है
मंडी जिले के रहने वाले चिकित्सक टीसी महंत ने हिमाचल प्रदेश के युवाओं में हृदयघात के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गलत खानपान से ऐसा होने लगा है। युवा जंक फूड को त्याग कर पहाड़ की ताजी हवा में अपने आप को ढालें। उन्होंने कहा कि जहां देश भर में हृदयघात के मामले ज्यादा उम्र के लोगों में देखने को मिल रहे हैं। हिमाचल में युवाओं में बढ़ते मामलों के प्रति कड़ा संज्ञान लेने की जरूरत है। यह बेहद खतरनाक है।
इस मौके पर प्रख्यात चिकित्सा 80 वर्षीय डॉ. मरवाह को उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मंडी चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. करणबीर सिंह ने प्रो. सुरेंद्र कश्यप को सम्मानित किया। आयोजन सचिव डॉ. मंजुल शर्मा, कोषाध्यक्ष डॉ. अमित, डॉ. हरीश बहल को भी उनके सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। ज्योति प्रज्जवलन के साथ शुरू हुए इस अधिवेशन को गीत कुंज के कलाकारों ने सरस्वती वंदना से आगे बढ़ाया।
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रख्यात चिकित्सक डॉ. हरेंद्र बाली ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति आ गई है। पहले जो सर्जरी चीरफाड़ से हुआ करती थी, जिसमें जोखिम होता था, अधिक आयु के लोगों को वंचित रहना पड़ता था। अब वह पुरानी बात हो गई है। अब बिना किसी चीरफाड़ से हर तरह की सर्जरी संभव है। अब मरीजों को कई कई दिन अस्पताल में भर्ती नहीं रहना पड़ता।
सम्मेलन में स्मारिका का किया गया विमोचन
इस दो दिवसीय चिकित्सा सम्मेलन में विशेषज्ञों ने नवीनतम चिकित्सा पद्धति पर 30 से अधिक लेक्चर प्रस्तुत किए। डॉ. जय इंद्र पाल सिंह की ओर से संपादित स्मारिका हिम मेडिकॉन 2024 का भी विमोचन किया गया। इस मौके पर सभी प्रतिभागी चिकित्सकों को मंडी के चार सौ साल पुराने त्रिलोकीनाथ मंदिर का चित्र स्मृति चिह्न के तौर पर भेंट किया गया।