कुपवी में सीएम सहित अन्य अतिथियों को रात्रि भोज पर जंगली मुर्गा परोसने पर विवाद, भाजपा ने उठाए सवाल

Controversy over serving wild chicken for dinner to CM and other guests in Kupvi, BJP raises questions

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी पहल ‘सरकार गांव के द्वार’ के तहत जिला शिमला के चौपाल उपमंडल की कुपवी तहसील के टिक्कर गांव में शनिवार को रात्रि ठहराव किया। रात्रि भोज पर मुख्यमंत्री सहित अन्य अथितियों को स्थानीय व्यंजन परोसे गए। इस दाैरान खाने में जंगली मुर्गा भी परोसा गया, जिस पर अब विवाद हो गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने इसका सेवन नहीं किया। अब सोशल मीडिया पर सीएम के कार्यक्रम में जंगली चिकन परोसे जाने का वीडियो  खूब वायरल हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित अन्य भाजपा नेताओं ने जंगली चिकन परोसे जाने पर सवाल उठाए हैं।

नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सीएम के टिक्कर में रात्रि भोज कार्यक्रम का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘जनता के घरद्वार जाकर लोगों की समस्याओं के निराकरण करने की हमारी योजना जनमंच के फुलके जिन्हे खल रहे थे, वह आज गांव-गांव जाकर पिकनिक मना रहे हैं और क्या-क्या कर रहे हैं जनता सब देख रही है।  संरक्षित प्रजाति के जंगली मुर्गा खाने वालों को जेल होती है, जुर्माना होता है लेकिन मुख्यमंत्री मुर्गा खिलाने का पहले मेन्यू छपवाते हैं और फिर अपने मंत्रियों को अपने सामने चटखारे ले लेकर खिलाते हैं। क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है।’

जनता के घर द्वार जाकर लोगों की समस्याओं के निराकरण करने की हमारी योजना ‘जनमंच’ के फुलके जिन्हे खल रहे थे वह आज गाँव गाँव जा कर पिकनिक मना रहे हैं और क्या कर रहे है जनता सब देख रही है 🧐

संरक्षित प्रजाति के जंगली मुर्गा खाने वालों को जेल होती है, जुर्माना होता है लेकिन

 भाजपा प्रदेश प्रवक्ता चेतन बरागटा ने भी निशाना साधा। कहा कि कुपवी के टिक्कर में रात्रि भोज पर सीएम व अन्य अथितियों को जंगली मुर्गा परोसा गया। जंगली मुर्गे को मेन्यू में भी प्रकाशित किया गया। कहा कि जंगली मुर्गा संरक्षित प्रजाति में आता है। मुख्यमंत्री को इस पर माफी मांगनी चाहिए और जंगली चिकन परोसने वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। भाजपा के मीडिया प्रभारी  कर्ण नंदा ने कहा कि जंगली मुर्गा एक शेड्यूल बर्ड है, हिमाचल की फिर किरकिरी हुई है। जंगली मुर्गा हिमाचल प्रदेश में 3000 फुट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। यह प्रजाति कानूनी ताैर पर संरक्षित है और इसके शिकार करने पर दंडनीय अपराध है।  

मुख्यमंत्री ने ये कहा
मामले पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों से मैं तेल युक्त व्यंजन और नॉनवेज दोनों से परहेज करता हूं। लेकिन जयराम को कोई मुद्दा नहीं मिला तो उन्होंने हमारे ग्रामवासियों को बदनाम करने का रास्ता चुन लिया। विपक्ष के नेताओं के पास अब कोई मुद्दा नहीं है, बस ग्रामवासियों की छवि खराब करने का काम करते हैं। पहाड़ के जीवन में नॉनवेज एक भोजन है। 

सीएम ने ग्रामीणों के साथ डाली नाटी, लोक संस्कृति, रीति-रिवाजों और व्यंजनों पर की बातचीत
शनिवार शाम को सीएम सुक्खू का टिक्कर वासियों ने ग्रामीण परिपाटी से स्वागत किया। राह चलते हुए मुख्यमंत्री ने बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं सभी से संवाद किया। इस दौरान ग्रामवासियों ने अपनी समस्याओं के बारे में भी मुख्यमंत्री को अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए और समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने को कहा। इसके बाद मुख्यमंत्री कुपवी के टिक्कर गांव निवासी हरि सिंह के घर पहुंचे। हरि सिंह ने ग्रामीण परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। उनके घर पर अलाव सेंकते-सेंकते मुख्यमंत्री ने ग्रामवासियों से क्षेत्र में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा व्यवस्था की भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने ग्रामवासियों से स्थानीय लोक संस्कृति, रीति-रिवाजों, व्यंजनों सहित अनेक विषयों पर भी बातचीत की। उन्होंने लोक संगीत की मधुर स्वर लहरियों और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, प्रदेश कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा व अन्य गणमान्य उपस्थित थे। सुबह सीएम ने ग्रामीणों के साथ नाटी डाली और शिमला के लिए रवाना हुए। 

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