हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के तपोवन में 18 से शुरू होने जा रहे हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य और खनन जैसे मुद्दे गूंजेंगे। वहीं, भाजपा की ओर से सरकार के खिलाफ राज्यपाल को सौंपे गए कच्चे चिट्ठे में लगाए आरोपों पर भी सदन तपेगा। सत्ता पक्ष को घेरने के लिए विपक्ष की ओर से ये मामले उठाए जाने हैं। दूसरी ओर सत्ता पक्ष ने भी भाजपा विधायकों के आरोपों का जवाब देने के लिए पूरी तैयारियां कर ली है। सत्ता पक्ष पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हिमाचल में हुए भर्ती घोटाले से संबंधित मामले उठाकर विपक्ष पर हमला बोलेगा। चार दिन तक चलने वाले सत्र में खूब गहमा गहमी रहने की संभावना है।
हालांकि, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू दो दिन ही सदन में रहेंगे। वह 20 और 21 को सदन में नहीं होंगे। 20 को सीएम जैसलमेर में राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। वहीं, 21 को जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू की अनुपस्थिति में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सदन में मोर्चा संभालेंगे। विधानसभा में तकरीबन सभी सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्रों की समस्याओं से संबंधित प्रश्न लगाए हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सड़क, बिजली, पानी और स्कूल से संबंधित प्रश्न लगाए गए हैं। लोक निर्माण विभाग के सबसे ज्यादा प्रश्न लगे हैं। नौकरियों, सरकार को गारंटियों और स्थानीय मुद्दे भी सत्र में उठेंगे। विपक्ष सरकार के दो साल के कार्यक्रम का भी हिसाब मांगेगा।
नेता प्रतिपक्ष ने ये कहा
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू प्रदेश के मुद्दों पर बात नहीं करना चाहते और विपक्ष का सामना करने से डर रहे हैं। सुक्खू सरकार विपक्ष से भाग रही है इसलिए विधानसभा का शीतकालीन सत्र महज 4 दिन का रखा गया है। हिमाचल के इतिहास का यह सबसे छोटा विधान सभा सत्र है। मात्र चार दिन में प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर बात कैसे होगी और मुद्दे कैसे हल होंगे। -जयराम ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष
संसदीय कार्य मंत्री ने ये कहा
विपक्ष की ओर से लगाए गए हर सवालों का जवाब दिया जाएगा। सदन की कार्यवाही चलनी चाहिए। विपक्ष से उम्मीद है कि वह सदन से वाकआउट नहीं करेंगे। विधायक दल की बैठक 17 दिसंबर को होटल धौलाधार में होनी है। इसमें आगामी रणनीति तैयार की जाएगी