किरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर बनाई जाएंगी चार और समानांतर टनल, मार्च तक तैयार होगी डीपीआर

Four more parallel tunnels will be built on Kiratpur-Nerchowk four lane, DPR will be ready by March

किरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर पांच समानांतर टनलों का निर्माण किया जाएगा। इनमें से एक का काम शुरू कर दिया गया है और मार्च तक इसे तैयार करने का लक्ष्य रखा है। चार टनलों की डीपीआर तैयार की जा रही है और मार्च तक टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का लक्ष्य है। करीब 60 किमी लंबे किरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर पांच टनल बनी हैं। ये सभी टू लेन हैं। वर्तमान में इन टनलों में से केवल एक ही टनल से वाहनों का आवागमन होता है, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। फोरलेन की अन्य सड़कों की तुलना में टनलों में वाहनों की गति भी धीमी हो जाती है। दिन-प्रतिदिन बढ़ते ट्रैफिक के कारण ही समानांतर टनलों के निर्माण का फैसला लिया गया है। मौजूदा पांच टनलों के साथ समानांतर टनलों के बनने से यातायात सुचारु रहेगा।

किरतपुर से नेरचौक तक इस फोरलेन पर पांच टनल हैं। इनके समानांतर पांच टनलों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना की सबसे लंबी टनल, कैंची मोड़ 1800 मीटर का समानांतर सुरंग निर्माण कार्य चल रहा है, जिसे मार्च 2025 में पूरा करने का लक्ष्य है। अन्य चार टनलों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा डीपीआर तैयार की जा रही है। इनमें टनल नंबर-2 थापना की लंबाई 465 मीटर, टनल नंबर-3 तुन्नू की लंबाई 550 मीटर, टनल नंबर-4 टीहरा की लंबाई 1265 मीटर, टनल नंबर-5 भवाणा की लंबाई 740 मीटर है। अन्य चार समानांतर टनलों के निर्माण के लिए एनएचएआई डीपीआर तैयार कर रहा है।

वहीं, अलग-अलग स्तर पर इसकी एफसीए अप्रूवल का कार्य भी चल रहा है। केंद्र से एफसीए की ई-फाइल पर जो आपत्तियां लग रही हैं, उन्हें हटाकर दोबारा फाइल को तैयार किया जा रहा है। इन टनलों के समानांतर निर्माण से न केवल वाहनों की गति बढ़ेगी, बल्कि हादसों का खतरा भी कम होगा। साथ ही फोरलेन पर यातायात सुचारू और तेज होगा, जिससे यात्रियों को समय और ईंधन की बचत होगी। प्राथमिकता के आधार पर अन्य चार टनलों का निर्माण कार्य को शुरू करने की प्रक्रिया डीपीआर अप्रूव होने के बाद एनएचएआई जल्द शुरू करेगा।

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