हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद (ईसी) ने स्नातक डिग्री कोर्स में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों को एक और मौका देने का फैसला किया है। एचपीयू में अब शिक्षकों की नियुक्ति अंकों के आधार पर की जाएगी। सिरमौर जिले के बालासुंदरी कॉलेज के रोके गए विधि कोर्स की परीक्षा के परिणाम भी जल्द जारी किए जाएंगे। शुक्रवार को विवि के कुलपति प्रो. एसपी बंसल की अध्यक्षता में हुई ईसी बैठक में विवि में आउटसोर्स पर तैनात करीब 188 कर्मियों की सेवाएं जारी रखने का भी फैसला हुआ।
हिमाचल में स्नातक डिग्री कोर्स में प्रवेश लेने से वंचित रह गए छात्रों के लिए राहत की खबर है। अब वंचित छात्र स्नातक में प्रवेश ले सकेंगे। छात्र संगठनों की ओर से उठाई जा रही मांग पर ईसी ने प्रवेश लेने से वंचित रहे विद्यार्थियों को एक और मौका देने का फैसला लिया है। जल्द ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ईसी ने वर्ष 2013 से लेकर वर्ष 2022 तक सिरमौर के बालासुंदरी कॉलेज में विधि कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के रोके परीक्षा परिणामों को छात्र हितों में घोषित करने का फैसला लिया।
ईसी ने 2013 के बाद बिना संबद्धता के चलाए जा रहे विधि कोर्स का मामले उजागर होने के बाद संस्थान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का भी फैसला लिया है। ईसी बैठक में फैसला हुआ कि विश्वविद्यालय में होने वाली शिक्षकों की भर्ती में मॉर्क्स मैट्रिक्स फॉर्मूला अपनाया जाएगा। इसके अनुसार भर्ती प्रक्रिया में पात्र अभ्यर्थियों को अंकों के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। इसका प्रारूप तैयार होगा। भविष्य में इसी आधार पर भर्ती प्रक्रिया होगी। बैठक में प्रो. वीसी प्रोफेसर राजिन्द्र वर्मा, शहरी विधायक हरीश जनारथा, भोरंज के विधायक सुरेश कुमार, सचिव शिक्षा को ओर से सुशील कुमार, रोहित जमवाल, कुलसचिव, डॉ. विरेन्द्र शर्मा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल मौजूद रहे।
गैर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी बढ़ेगी आगे
ईसी बैठक में विवि में जवाहर लाल नेहरू पुस्तकालय भवन के सामने पंडित नेहरू की प्रतिमा स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया। वहीं, शिक्षकों के कॅरिअर एडवांसमेंट स्कीम के तहत वर्ष 2010 मैच की प्रक्रिया को शुरू करने और वर्ष 2018 के बाद के शिक्षकों के मामले को सरकार के समक्ष रखने का निर्णय लिया गया। इसी ने विवि में पूर्व कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार के समय से आउटसोर्स आधार पर भाती किए गए 188 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को राहत देते हुए उनकी सेवाएं 31 मार्च तक जारी रखने का भी फैसला लिया। वहीं, बैठक में ईसी सदस्यों ने विवि में गैर शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को भागे बढ़ाने को कहा।