कुल्लू जिले की बंजार घाटी का तांदी गांव दूसरे दिन भी शाम तक सुलगता रहा। गांव के बेबस लोग नम आंखों से अपने जले हुए आशियाने निहारते रहे। अग्निकांड से प्रभावित 136 से अधिक लोगों को अब सर्द रातों में ठंड से बचने की चिंता सताने लगी है। भीषण अग्निकांड में आधा गांव चपेट में आने से माहौल गमगीन है।
वहीं वीरवार सुबह स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी भी मौके पर पहुंचे और अग्निकांड से प्रभावित लोगों से मिलकर उनको हरसंभव सहायता करने का भरोसा दिया है। अग्निशमन विभाग बंजार के प्रभारी लेखराज ने कहा कि उन्हें आग को पूरी तरह से बुझाने में 20 घंटे का समय लगा है। पहले दिन उनकी टीम रात चार बजे तक डटी रही और वीरवार को फिर मौके पर पहुंचे और सुलगती रही और शाम 5:00 बजे आग को पूरी तरह से काबू पाया गया। वहीं आग से हुए नुकसान का आकलन करीब दस करोड़ रुपये किया गया है।
पूरी तरह से काष्ठकुणी शैली में बने मकानों के जलने के बाद सबकुछ राख के ढेर में तब्दील नजर आया। अग्निशमन विभाग बंजार और लारजी की टीम दूसरे दिन सुबह 8:00 बजे लेकर शाम 4:00 बजे तक पानी की बौछार डालती रही। इससे पहले भी अग्निशमन विभाग कुल्लू, बंजार व लारजी से तीन दमकल वाहन बुधवार शाम से लेकर वीरवार सुबह तड़के 4:00 बजे तक आग को बुझाने में लगे रहे। इसके बाद सुबह 8:00 बजे फिर अग्निशमन विभाग के दो वाहन और पहुंचे और सुलगती आग को बुझाया। प्रभावित हेत राम ठाकुर, दलीप सिंह, दुनी चंद तथा यज्ञ चंद ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि यह सब कुछ कैसे हो गया। कहा कि अग्निंकाड ने तांदी गांव के लोगों को ऐसे जख्म दिए जो ताउम्र नहीं भरेंगे।