हिमाचल प्रदेश में 20 से कम छात्र संख्या वाले हाई और 25 वाले वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा घटेगा। नए शैक्षणिक सत्र से पांच से सात किलोमीटर के नजदीकी स्कूलों में इन स्कूलों के विद्यार्थियों को दाखिले दिलाए जाएंगे। प्रदेश में अब स्कूल मर्ज करने की जगह दर्जा घटाने का प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है। उच्च शिक्षा निदेशालय से जनवरी अंत तक सरकार ने इस बाबत प्रस्ताव मांगा है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का डाटा एकत्र होने के बाद सरकार की मंजूरी लेकर इनका दर्जा कम किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन हाई स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 20 या उससे कम होगी, ऐसे स्कूलों का दर्जा घटाकर मिडल किया जाएगा। इसी तरह जिन वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थी संख्या 25 या उससे कम होगी, वहां स्कूलों का दर्जा घटाकर हाई स्कूल किया जाएगा। दर्जा घटने के बाद जो कक्षाएं स्कूलों में बंद हो जाएंगी, उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पांच से सात किलोमीटर के दायरे वाले अन्य स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएंगे। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से यह व्यवस्था लागू होगी।
उधर, 10 छात्र संख्या से कम वाले प्राइमरी स्कूलों को नजदीकी दो से तीन किलोमीटर के दायरे वाले स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 300 ऐसे स्कूल चिह्नित किए हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या दस से कम है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अगले चरण में कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों को भी मर्ज किया जाएगा। सभी कॉलेजों से विद्यार्थियों के नामांकन की जानकारी मांगी गई है। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और हर संस्थान में पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की नियुक्तियां करने के लिए कम विद्यार्थियों वाले संस्थानों को मर्ज या दर्जा घटाने का फैसला लिया गया है।