
उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ में बकरा नीलामी में बड़े स्तर पर बदलाव किए गए हैं। अब बकरों की नीलामी वजन और नस्ल के हिसाब से होगी। इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। बीते वर्ष मंदिर में बकरा नीलामी में धांधली की आशंकाओं पर विभागीय जांच के बाद नई व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया गया है। जांच अधिकारी ने इस मामले में बड़े बदलावों की सिफारिश जांच रिपोर्ट में की थी। अब इस मामले में मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन एसडीएम बड़सर ने नई व्यवस्था को लागू करने के निर्देश जारी कर दिए है। आदेशों के बाद मंदिर में नई व्यवस्था को लागू कर दिया गया है।
बीते वर्ष नवंबर में 60 हजार रुपये में 31 बकरों की नीलामी किए जाने के बाद व्यवस्था पर सवाल उठे। सवाल उठने के बाद नीलामी करवाने वाले कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया। जिला प्रशासन ने इस मामले में विजिलेंस जांच की सिफारिश भी की। मामले में विभागीय जांच तहसीलदार बड़सर को सौंपी गई। व्यवस्था में कमियों का पता लगाने के साथ जांच अधिकारी तहसीलदार बड़सर ने इस मामले में सुधारों की सिफारिशें भी मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन को सौंपी। इस सिफारिशों को अब नीलामी व्यवस्था में लागू कर दिया गया है। अब हर शनिवार और सोमवार को बकरों की नीलामी सुबह 11 बजे से शुरू की जा रही है। पहले नीलामी दो बजे के बाद शुरू होती थी। नीलामी तय कमेटी और दो ट्रस्टियों की मौजूदगी में की जा रही है ताकि कोई सवाल न उठे।
बकरों की रिजर्व दामों में हुई बढ़ोतरी
वजन और नस्ल के हिसाब से बकरों की नीलामी के लिए रिजर्व मूल्य पशुपालन विभाग की ओर से नियुक्त कर्मचारी की ओर से तय की जा रहा है। प्रशासन की ओर से पशुपालन विभाग को पत्र लिखा गया है कि रिजर्व मूल्य में किसी तरह की कोताही न बरती जाए बल्कि कर्मचारी प्रदत शक्तियों का प्रयोग कर उचित दामों पर नीलामी करवाए।
जांच की सिफारिशों को लागू करने के लिए मंदिर अधिकारी को आदेश जारी कर दिए गए है। व्यवस्था में बदलाव कर उचित दामों पर बकरे नीलाम किए जा रहे हैं- धर्मपाल नेगी, कार्यकारी एसडीएम, बड़सर
निर्देश मिलने के बाद अब वजन और नस्ल के हिसाब से बकरों की नीलामी तय कमेटी और ट्रस्टियों की निगरानी में करवाई जा रही है