हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षण संस्थान सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन (सीडीओई) से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को अब घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा मिलेगी। अब तक विद्यार्थियों को पठन सामग्री हाथों-हाथ या फिर डाक से भेजी जाती है। यह झंझट खत्म हो जाएगा। प्रवेश की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने, कक्षाओं को ऑनलाइन संचालित करने के बाद अब विद्यार्थियों के लिए स्टडी मैटीरियल को ऑनलाइन उपलब्ध करवाने की कवायद तेज हो गई है। संचालित किए जा रहे 19 डिग्री और चार डिप्लोमा कोर्स के स्टडी मैटीरियल को विद्यार्थियों को ऑनलाइन जल्द उपलब्ध करवाया जाएगा।
यूजीसी डेब (डस्टेिंस एजुकेशन ब्यूरो) के दिशा-निर्देशों और तय की गई शर्तों को पूरा करने के लिए केंद्र को यह व्यवस्था जल्द करनी होगी। संस्थान के नाम को 2023 में डेब के आदेशों पर दूरवर्ती शिक्षा के साथ ऑनलाइन एजुकेशन सेंटर सीडीओई किए जाने के बाद यह अनिवार्य भी हो गया है। अब संस्थान सबसे पहले हर कोर्स के पहले सेमेस्टर और ईयर के स्टडी मैटीरियल को ऑनलाइन अपलोड करने का कार्य करवा रहा है। इसके पूरा होते ही इसी साल स्टडी मैटीरियल प्रदेश भर के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन अपलोड हो जाएगा। दूसरे चरण में अगले सेमेस्टर और ईयर के पाठ्यक्रम को तैयार कर अपलोड किया जाना है।
अब तक संस्थान प्रवेश के साथ ही विद्यार्थियों को स्टडी मैटीरियल को या तो हाथों हाथ दे देता रहा है या फिर डाक से उनके दिए पते पर भेजा जाता है। ऑनलाइन सामग्री मिलने में छात्रों की कई तरह की दिक्कतें दूर होंगी। फिलहाल ऑनलाइन सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए छात्रों से कोई अलग से फीस लिए जाने का प्रस्ताव नहीं है। सीडीओई में हर साल में जनवरी सत्र में करीब सात हजार जबकि जुलाई के सत्र में दस हजार से अधिक विद्यार्थी औसतन प्रवेश लेते हैं।
1970 से दूरवर्ती शिक्षा प्रदान कर रहा है संस्थान
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्थापना के एक साल बाद 1971 में ही दूरवर्ती शिक्षण संस्थान की शुरूआत हुई। 1995 में इसे अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती शिक्षा एवं मुक्त अध्ययन केंद्र आईसीडीईओएल बनाया गया। इसके बाद 2022 में यूजीसी के डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो के आदेशों पर इस संस्थान को सेंटर फोर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन सीडीओई का नाम दिया गया।