डीईएलईडी कोर्स के साथ स्कूल की संबद्धता के लिए भी दिए फर्जी दस्तावेज, विजिलेंस ने दर्ज किया केस

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हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के भोरंज क्षेत्र के एसवीएन कॉलेज ऑफ एजुकेशन तरक्वाड़ी प्रबंधन ने कॉलेज के अलावा स्कूल की संबद्धता के लिए जाली फायर एनओसी का इस्तेमाल किया था। कॉलेज के लिए डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीईएलईडी) कोर्स की संबद्धता प्राप्त करने के जाली फायर एनओसी का प्रयोग करने पर संस्थान पर विजिलेंस केस दर्ज हुआ है। अब इस मामले में खुलासा हुआ है कि संस्थान प्रबंधन ने कॉलेज के साथ अपने एक अन्य निजी स्कूल की संबद्धता के लिए फर्जी अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया था। संस्थान के खिलाफ एक व्यक्ति ने बोर्ड को शिकायत सौंपी थी कि जाली दस्तावेजों का प्रयोग संबद्धता प्राप्त करने के लिए किया गया है। इस मामले में जांच के बाद शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

इस जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि डीईएलईडी कोर्स की संबद्धता के साथ स्कूल की संबद्धता के लिए जाली दस्तावेजों को इस्तेमाल किया गया है। हालांकि जांच के दौरान ही सही एनओसी को स्कूल प्रबंधन की ओर से उपलब्ध करवाया गया था, लेकिन बोर्ड चेयरमैन की ओर से स्कूल प्रबंधन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। डीईएलईडी की संबद्धता में जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल पर अब विजिलेंस ने भी केस दर्ज कर लिया है। हालांकि, इस केस की एफआईआर में स्कूल की संबद्धता के लिए प्रयोग किए गए फर्जी दस्तावेजों और बोर्ड की ओर से लगाए गए जुर्माने का जिक्र नहीं है। विजिलेंस की ओर से संस्थान के तमाम रिकाॅर्ड को जांचा जाना है। ऐसे में स्कूल संबंधी दस्तावेजों की जांच भी हो सकती है। कॉलेज और स्कूल दोनों को संचालित करने वाली एक ही संस्था है। ऐसे में दोनों के रिकाॅर्ड की जांच की संभावना है।

एफआईआर दर्ज की गई है। संस्थान के रिकाॅर्ड को खंगाला जाएगा। यदि कोई और गड़बड़ी सामने आती है, तो नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।-कुलभूषण वर्मा, एसपी विजिलेंस, मंडी

स्कूल की संबद्धता के लिए अग्निशमन से जुड़ी फर्जी एनओसी दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया है। स्कूल की संबद्धता के लिए फर्जी दस्तावेज के प्रयोग पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

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