हिमाचल के बद्दी में संकट में सांसें, 300-400 के बीच पहुंचा एक्यूआई, लोग हो रहे बीमार

HP Air Quality Index: Breathing in trouble in Baddi, AQI reached between 300-400, people are falling ill

एशिया के सबसे बड़े फार्मा हब हिमाचल प्रदेश के बद्दी की आबोहवा लगातार खराब हो रही है। जनवरी में यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) एक दिन छोड़कर बाकी दिन वैरी पूअर जोन में रहा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एआईक्यू जारी किया। इसके मुताबिक 13 जनवरी को यहां की हवा संतोषजनक जोन में रही। बाकी दिन एक्यूआई लेवल 300 से 400 के बीच रहा। पहली बार ऐसा हुआ है, जब यहां की हवा की गुणवत्ता वेरी पूअर जोन में चली गई। इससे लोग भी बीमार हो रहे हैं।

गला खराब, खांसी और बुखार की समस्याएं आ रहीं
गला खराब, खांसी और बुखार की समस्याएं भी लोगों में आ रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बद्दी का एआईक्यू 3,4,9, 10 व 11 जनवरी को 301-400 के बीच रहा। जबकि 5, 6, 7, 8, 14 व 16 को पूअर जोन में रहा। 1, 2, 12, 15 व 17 जनवरी को हवा मॉडरेट जोन में रही। इसके साथ लगते नालागढ़ और बरोटीवाला में आबोहवा खराब नहीं है। नालागढ में सभी दिन एयर क्वालिटी इंडैक्स संतोषजनक जोन में रहा।

पांवटा साहिब की आबोहवा भी प्रदूषित
बरोटीवाला में 6 दिन मॉडरेट और 5 दिन हवा संतोषजनक जोन में रही। बद्दी के साथ-साथ कालाअंब और पांवटा साहिब की आबोहवा भी प्रदूषित पाई गई। पांवटा साहिब में इस माह 6-6 दिन, कालाअंब में 8 दिन तक वायु गुणवत्ता सूचकांक मॉडरेट जोन में रहा। ऊना, शिमला, मनाली, सुंदरनगर, डमटाल व नालागढ़ में हबा में प्रदूषण की मात्रा सामान्य रही। जनवरी में मनाली में एक्यूआई 50 से नीचे रहा।

क्या कहते हैं अधिकारी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अभियंता प्रवीण गुप्ता ने बताया कि बद्दी की हवा खराब होने का कारण प्रदूषण के साथ- साथ सुबह-शाम का ट्रैफिक और धुंध भी है। बोर्ड की ओर से लगातार उद्योर्गा में निरीक्षण किया जा रहा है। जो उद्योग प्रदूषण फैला रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाती है। पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था हिम परिवेश के अध्यक्ष लक्ष्मी चंद ठाकुर ने कहा कि बद्दी में सभी उद्योगों में संचालकों ने ईटीपी प्लांट तो लगा रखे हैं लेकिन प्रयोग तभी होता है जब प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी कंपनी में दस्तक देते हैं। 

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