FIR करने को विधि विभाग की रिपोर्ट का इंतजार, विजिलेंस ने 90 लोगों के बयान किए हैं दर्ज

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ठियोग विधानसभा क्षेत्र में टैंकरों से पानी की आपूर्ति में करोड़ों के गड़बड़झाले में सरकार को विधि विभाग की रिपोर्ट का इंतजार है। विभाग की रिपोर्ट आने के बाद ही सरकार इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का फैसला लेगी।

उधर, विजिलेंस ब्यूरो की ओर से सरकार को सौंपी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ठेकेदारों और जल शक्ति विभाग के इंजीनियरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इस गड़बड़झाले को अंजाम दिया गया है। इस मामले में जल शक्ति विभाग के इंजीनियर, कर्मचारी, ठेकेदार सहित 90 स्थानीय लोगों के बयान दर्ज हैं।

सूत्र बताते हैं कि जल शक्ति विभाग के निलंबित इंजीनियरों, ठेकेदारों और लोगों के बयान आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। जल शक्ति विभाग की ओर से जारी किया किए गए टेंडर की शर्तों के मुताबिक कार्य नहीं हुआ है। शर्तों के मुताबिक लेलू पुल के पास से स्वच्छ पानी की सप्लाई की जानी थी, लेकिन जांच में सामने आया है कि ठेकेदार ने इस स्थान से टैंकरों और पिकअप में पानी भरा ही नहीं। टैंकर और पिकअप के चालक नालों से पानी भरकर ले गए।

आरोप हैं कि ठेकेदारों ने जल शक्ति विभाग के दफ्तर में कर्मचारियों के साथ मिलकर बिल तैयार किए हैं। इसमें निलंबित इंजीनियरों, लिपिक की लापरवाही सामने आई है। अधिशासी अभियंता ने जूनियर इंजीनियरों की ओर से तैयार किया गया बिल बिना जांचे आगे सरका दिए गए हैं। पैसा जारी करने के लिए फाइल एसडीएम को भेजी गई। इसके बाद इन ठेकेदारों को पेमेंट जारी कर दी गई। इस गड़बड़झाले में विजिलेंस ने स्थानीय लोगों, एसडीएम ठियोग, निलंबित इंजीनियर, टैंकर चालकों और ठेकेदारों के बयान दर्ज किए गए हैं।

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