पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी, सरकार ने बिठाई जांच

Himachal Pradesh University Shimla Rules ignored in PhD admission process government orders inquiry

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है। शिकायत पर सरकार ने मामले में जांच के आदेश जारी किए हैं। आरोप लगाया गया है कि बिना फैलोशिप होल्डर सरकारी कर्मचारी को नियमों के विपरीत प्रवेश दिया गया है। एक शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर सरकार से की थी। इसके बाद सरकार ने विवि को पूरे मामले की छानबीन कर उचित कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

उधर, एचपीयू के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम ने बताया कि यूआईटी में किसी को भी पीएचडी में प्रवेश को मंजूरी नहीं दी गई है। जो आवेदन आया था, उसे अभी संबंधित संकाय की स्टैंडिंग कमेटी से मंजूरी मिलना बाकी है। यूआईटी निदेशक ने संकाय की स्टैंडिंग कमेटी में इस पूरे मामले के तथ्यों को रखने की बात की है। डीएस ने कहा कि स्टैंडिंग कमेटी में शिकायत पर गौर किया जाएगा, तय नियमों को ध्यान में रखकर ही प्रवेश को मंजूरी प्रदान की जाएगी, अन्यथा मामले को रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

यूआईटी में पहली बार हुई पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया को लेकर शिकायत में उठाए गए सवालों में शिकायतकर्ता का आरोप है कि नवंबरमें विवि के 28 विभागों में राष्ट्रीय स्तर की फैलोशिप होल्डर के लिए पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया संचालित की गई।

यह है मामला
27 विभागों में फैलोशिप होल्डर को ही प्रवेश दिया गया, मगर यूआईटी में एक बिना फैलोशिप होल्डर और सरकारी कर्मचारी को पीएचडी में प्रवेश दे दिया गया। जबकि यूजीसी के नियमों के अनुसार पीएचडी में सिर्फ फैलोशिप ले रहे अभ्यर्थियों को ही प्रवेश दिया जा सकता था। नवंबर में राष्ट्रीय स्तर की फैलोशिप लेने वालों से पीएचडी में प्रवेश के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसके लिए कोई प्रवेश परीक्षा नहीं हुई थी।

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