हिमाचल प्रदेश सरकार को नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी करनी होगी। राज्य चुनाव आयोग ने इसे लेकर प्रदेश सरकार को निर्देश जारी किए हैं। चुनाव आयोग ने चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस साल के आखिर में पंचायत चुनाव होने हैं। नई पंचायतों के गठन के बाद जुलाई माह में मतदाता सूचियों की मैपिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। हिमाचल प्रदेश में 3615 पंचायतों में से 43 पंचायतें शहरी निकायों में शामिल होने के बाद अब पंचायतों की संख्या 3572 रह गई है। प्रदेश सरकार को नई पंचायतों के गठन के लिए 600 से अधिक प्रस्ताव मिल चुके हैं। प्रदेश में कुल कितनी पंचायतों में चुनाव होंगे इसकी संख्या नई पंचायतों के गठन के बाद तय होगी।
इसलिए चुनाव आयोग ने सरकार से निर्धारित समय में पंचायतों के गठन का काम पूरा करने का आग्रह किया है। जुलाई माह में चुनाव आयोग विधानसभा चुनावों की मतदाता सूचियों के आधार पर जिला स्तर पर मैपिंग का काम शुरू करेगा। पंचायत सचिव मतदाता सूची के वर्किंग रोल बनाएंगे और प्रारूप की पूर्वावलोकन प्रति ग्राम सभाओं में रखी जाएगी। इसके बाद मतदाता सूचियों का प्रारूप तैयार होगा। प्रारूप को आम लोगों के निरीक्षण के लिए सार्वजनिक स्थलों पर भी उपलब्ध करवाया जाएगा और लोग मतदाता सूची में दर्ज नामों को लेकर दावे कर सकेंगे। अपील के माध्यम से दावों का निपटारा किया जाएगा। करीब तीन माह चलने वाली प्रक्रिया के बाद अंतिम मतदाता सूची की अधिसूचना जारी होगी।
पहली बार मत पेटियों में क्यूआर कोड
पंचायत चुनावों में इस्तेमाल होने वाली मत पेटियों में पहली बार क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। किस मतदान केंद्र पर कौन सी मत पेटी इस्तेमाल हुई इसका पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाएगा। मतगणना से पूर्व मत पेटियों में लगे क्यूआर कोड अनिवार्य तौर पर स्कैन किए जाएंगे। कई बार मतगणना से पहले मत पेटियां बदलने के आरोप लगते हैं इससे बचने के लिए मत पेटियों पर क्यूआर कोड की व्यवस्था की जाएगी।
प्रदेश सरकार को नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी करने का आग्रह किया गया है ताकि साल के अंत तक प्रस्तावित पंचायत चुनावों की तैयारियां समय पर पूरी हो सकेंगे। पंचायतों की संख्या निर्धारित हो जाने के बाद मतदाता सूचियों में नाम दर्ज करवाने और हटाने का काम शुरू होगा। अंतिम प्रारूप ग्राम सभाओं में रखने के बाद अधिसूचना जारी होगी।