रेणुकाजी बांध परियोजना के लिए सुरंगों का निर्माण जल्द शुरु होने की उम्मीद है। इसे लेकर केंद्र सरकार के पांच महत्वपूर्ण संस्थानों के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम ने गुरुवार को रेणुका बांध स्थल का सर्वेक्षण करके परियोजना निर्माण से जुड़े पहलुओं का जायजा लिया। टीम द्वारा किए गए सर्वेक्षण से परियोजना के निर्माण से जुड़ी तीन सुरंगों (डायवर्जन टनल) के डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया। रेणुकाजी बांध परियोजना के निर्माण से पूर्व डेढ़-डेढ़ किलोमीटर की तीन सुरंगों का निर्माण किया जाना है। इन पर 450 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होगा। यह परियोजना निर्माण का प्रथम चरण है। इन सुरंगों के निर्माण से गिरी नदी के बहाव को बदला जाएगा। विशेषज्ञों का पैनल शीघ्र अपनी रिपोर्ट को सीडब्ल्यूसी सहित केंद्र सरकार को सौंपेगा।
टीम में अप्पर यमुना रिवर बोर्ड के सदस्य सचिव रवि भूषण कुमार, सहायक निदेशक सुनील नेगी, वैज्ञानिक हरदेव सिंह व मनीष गुप्ता, निदेशक आर चित्रा, नरेन्द्र सिंह शेखावत, सोमेश कुमार, सामर्थ अग्रवाल, नितिन गर्ग, ध्रुव कुमार, डॉ. वीके शर्मा, विनोद कुमार, एजीएम डिजाइन अरुण कपूर, सदस्य डीएंडआर भोपाल सिंह व मुख्य अभियंता विवेक त्रिपाठी सहित रेणुकाजी बांध परियोजना से जुड़े अधिकारी शामिल रहे। टीम ने ददाहू में परियोजना स्थल का निरीक्षण किया। भूमि, पहाड़, मिट्टी, पानी व जलवायु आदि का भी जायजा लिया। मई महीने में सुरंगों का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। परियोजना के कार्यकारी महाप्रबंधक संजीव कुमार ने पैनल से जुड़े अधिकारियों व विशेषज्ञों को परियोजना के तकनीकी पहलुओं से अवगत करवाया। इस मौके पर उप महाप्रबंधक राकेश निर्मोही, वरिष्ठ प्रबंधक डॉ. नीरज सिंघल, प्रदीप मेहरा, कपिल दत्त शर्मा, सुनील गुप्ता, राकेश सैनी, विशाल वर्मा व संजीव कुमार सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।