हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जेबीटी टेट के लिए हरी झंडी दे दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जेबीटी टेट पर लगाई गई रोक को हटा दिया है। बीएड डिग्रीधारक और जेबीटी मामले में सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद अदालत ने पुनर्विचार याचिका की सुनवाई 18 सितंबर को निर्धारित की है। गौर हो कि याचिकाकर्ता ने हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की 5 नवंबर को जारी अधिसूचना को चुनौती दी है। बोर्ड ने बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य करार दिया था। अदालत के समक्ष दलील दी गई थी कि एनसीटीई की जिस अधिसूचना के तहत बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य माना गया है, उसे राजस्थान हाईकोर्ट रद्द कर चुका है। उसके बाद 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की उस अधिसूचना को अवैध करार दिया था, जिसके तहत बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य किया गया था।उधर, याचिकाकर्ता देवेश शर्मा ने राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। हिमाचल हाईकोर्ट ने भी बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य करने के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद निर्धारित की थी। 26 नवंबर 2021 को हिमाचल हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती मामलों पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई के नियम प्रारंभिक शिक्षा विभाग के साथ-साथ अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते हैं। अदालत ने आदेश दिए थे कि एनसीटीई की 28 जून 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन किया जाए। अदालत के इस फैसले से जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र हो गए थे। बाद में हाईकोर्ट ने जेबीटी यूनियन की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में पारित आदेशों के अनुसार इस फैसले पर रोक लगा दी थी