
गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले से जुड़े सूरज लॉकअप हत्याकांड मामले में निलंबित आईजी जहूर हैदर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी समेत आठ पुलिस कर्मचारियों की नौकरी से बर्खास्तगी पर सरकार 90 दिन बाद फैसला लेगी। अगर इस समयावधि के बीच आरोपी सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हैं तो इन्हें नौकरी से बर्खास्त नहीं किया जा सकता है। मामला कोर्ट में विचाराधीन माना जाता है। वहीं, किसी भी अधिकारी व कर्मचारियों के 48 घंटे जेल में रहने की स्थिति में डीम्ड निलंबन हो जाता है।
वर्ष 2017 में शिमला जिले के कोटखाई में हुए बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले से जुड़े सूरज लॉकअप हत्याकांड में सीबीआई की अदालत ने दोषी करार दिए हिमाचल प्रदेश के आईजी जहूर हैदर जैदी व डीएसपी मनोज जोशी समेत आठ पुलिस कर्मचारियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सभी दोषियों को चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल भेज दिया गया है। दोषियों में जहूर हैदर जैदी, मनोज जोशी, सब इंस्पेक्टर राजिंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, हेड कांस्टेबल मोहन लाल, सूरत सिंह, रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रंजीत स्टेटा शामिल हैं।