
हिमाचल प्रदेश में प्रोजेक्ट एलिफेंट के लिए केंद्र सरकार से 40.57 लाख रुपये की पहली किस्त दसवें महीने आ रही है। वन महकमे के वन्य प्राणी विंग के अधिकारी अब इस चिंता में हैं कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आए इस बजट को कब खर्चेंगे और कब उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) देंगे। केंद्र से कई अन्य योजनाओं का बजट भी इसी तरह से देरी से आ रहा है।
केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट एलिफेंट के अधिकारी डॉ. अजू मैथ्यू जॉर्ज ने इस संबंध में एक पत्र राज्य सरकार के सचिव वन और वित्त को भेजा है। इसमें हिमाचल प्रदेश को जारी किए गए अनुदान की जानकारी दी है। इसके अनुसार हिमाचल प्रदेश को इस वित्त वर्ष के लिए 90,16,000 रुपये की धनराशि मंजूर की गई है। इसके तहत 50 फीसदी धनराशि राज्य को अपनी खर्च करनी है तो इसके तहत 40,57,200 रुपये हिमाचल प्रदेश को जारी किए गए हैं।
यह ग्रांट वित्तायोग की सिफारिशों के तहत जारी की गई है। यह बजट नाहन और पांवटा वन मंडल में हाथियों के संरक्षण, मानव-हाथी संघर्ष से जुड़ी समस्या के निवारण, गज मित्र वॉलंटियर्स को जोड़ने, आबादी सुधार आदि पर खर्च किया जाएगा।