सिरमौर की सैनवाला गोशाला में एक महीने में 22 गोवंश की मौ#त, जानिए क्या है वजह

cattle died in a month in Sirmaur's Sanwala Gaushala, know the reason

हिमाचल प्रदेश के सिरमाैर जिले की सैनवाला पंचायत के टोकियों में गोकुल धाम गोशाला में अव्यवस्था ने पिछले एक माह में 22 गोवंश की सांसें छीन लीं। गोवंश की मौत का कारण रखरखाव की अव्यवस्था, ठंड लगना और चारे की कमी बताया जा रहा है। हालांकि, प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है। कारणों की जांच शुरू नहीं हो पाई है। बिना पोस्टमार्टम मृत गोवंश को दफना दिया जा रहा है। ऐसे में व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दिसंबर में गोवंश के मरने का सिलसिला शुरू हुआ, जो अभी भी जारी है। दिसंबर के शुरू में यहां 106 गोवंश थे और जनवरी के अंत तक 84 रह गए हैं। गोशाला में जो शेड बनाया है, वह टिन का है और दीवारों की जगह कपड़े की चादरें लटकाई गईं हैं।

गोवंश के रखरखाव एवं पशुचारे के लिए सरकार प्रतिमाह प्रत्येक गोवंश के लिए 700 रुपये देती है। यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है, क्योंकि इससे एक क्विंटल तूड़ी भी नहीं आती, जबकि गोवंश को दिन में कम से कम 25 किलो घास की जरूरत होती है। सवाल उठ रहा है कि जब सरकार राशि जारी करती है तो इसकी मॉनिटरिंग क्यों नहीं की जा रही है। पशुपालन विभाग सिरमौर के उपनिदेशक डॉ. राजीव खुराना ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। पता करके ही कुछ बता सकेंगे। वहीं, सिरमौर जिला के उपायुक्त ने भी जानकारी से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के उपनिदेशक से जानकारी ली जा सकती है। सं

गोशाला को सरकार द्वारा दी जा रही राशि बहुत कम है। दानी सज्जन चारा दान में देते हैं, जिससे गोवंश का पालन पोषण हो रहा है। जिन गोवंश की मौत हुई है, उनमें कुछ पहले से ही हादसों का शिकार थीं। कुछ ज्यादा उम्र के कारण ठंड सहन नहीं कर पाईं।

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