
हिमाचल में सेब और चाय के बागानों में भी होम स्टे बन सकेंगे। गैर हिमाचली पर्यटन कारोबारी भी राज्य में होम स्टे चला सकेंगे। रिहायशी इलाकों में होम स्टे चलाने के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन से एनओसी लेना जरूरी कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने बहुप्रतीक्षित होम स्टे के लिए नए नियम जारी कर दिए हैं।
नए नियमों के अनुसार 20 साल से अधिक समय से हिमाचल में रह रहे (अन्य राज्यों के लोग) और हिमाचल के निवासी जो प्रदेश से बाहर व्यवसाय कर रहे हैं, वे भी होम स्टे चलाने के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं। होम स्टे खोलने वालों को भवन का संरचना स्थिरता प्रमाणपत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा संचालक को पुलिस से सत्यापन भी करवाना होगा। पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाए गए होम स्टे रूल 2025 को लेकर 15 दिनों के भीतर आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं। ऑनलाइन आवेदन के 60 दिन के भीतर होम स्टे खोलने के लिए अनुमति मिल जाएगी।
नए नियमों के तहत प्रदेश में एक से लेकर 6 कमरों तक के होम स्टे चलाए जा सकेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे पर लगने वाले टैक्स और बिलों में छूट प्रदेश सरकार अधिसूचित करेगी। शहरी, प्लानिंग एरिया, साडा क्षेत्र में बिजली, पानी, सीवरेज, गारबेज शुल्क व्यावसायिक दरों पर चुकाना होगा। होम स्टे में अतिथियों के विवरण के लिए रजिस्टर लगाना अनिवार्य है। इसके अलावा बिल बुक, सीसीटीवी कैमरेे, अग्निशमन सुरक्षा उपकरण लगाने होंगे। वर्षा जल संग्रहण तकनीक भी अपनानी होगी और हिमाचली हथकरघा और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना जरूरी किया गया है।
बेड एंड ब्रेकफास्ट, होम स्टे संचालकों को दोबारा करवाना होगा पंजीकरण
बेड एंड ब्रेकफास्ट और होम स्टे एवं हिमाचल सरकार की होम स्टे योजना 2008 के तहत पंजीकृत इकाइयों को होम स्टे रूल 2025 राजपत्र में प्रकाशित होने के 30 दिन के भीतर पंजीकरण के लिए दोबारा आवेदन करना होगा। हालांकि जब तक इन इकाइयों की पंजीकरण वैधता है, तब तक के लिए पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा। होम स्टे का पंजीकरण शुल्क एक अथवा तीन वर्ष के लिए किया जा सकेगा। तीन साल के लिए एकमुश्त शुल्क चुकाने पर 10 फीसदी छूट मिलेगी। महिला के नाम से पंजीकरण होने पर पांच फीसदी छूट मिलेगी।