
वायु विस्फोट से बांध को सुरक्षित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के शोधकर्ताओं ने नया समीकरण ईजाद किया है। इस समीकरण के जरिये वायु विस्फोट की स्थिति में बांध की लोड क्षमता का सही आकलन हो पाएगा। मौजूदा समय में महंगे सॉफ्टवेयर के जरिये यह आकलन होता है। इसे चलाना और समझना भी हर किसी के बस का नहीं है। ईजाद किए गए नए समीकरण को छोटा इंजीनियर भी आसानी से अपना सकता है। इस समीकरण के नतीजे भी सटीक हैं, जबकि सॉफ्टवेयर के जरिये नतीजा उतना सटीक नहीं रहता है।
आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ सिविल एंड इन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग में सहायक प्रोफेसर डाॅ. शशांक पाठक और उनके डॉक्टरेट विद्यार्थी तुषार गोयल ने यह समीकरण विकसित किया है। इससे बांध जैसे बड़े ढांचे पर विस्फोट के भार का अनुमान लगाया जा सकता है। यह कार्य इंटरनेशनल जर्नल ऑफ प्रोटेक्टिव स्ट्रक्चर्स में प्रकाशित हो चुका है। ईजाद किए गए समीकरण का उपयोग हवाई विस्फोटों के अधीन मौजूदा बांधों के प्रदर्शन की जांच करने और आवश्यकता पड़ने पर रेट्रोफिटिंग के लिए तैयार रहने के लिए भी किया जा सकता है।
टीम वर्तमान में इस समीकरण पर अतिरिक्त कार्य कर रही है, जोकि संभावित रूप से इन विशाल संरचनाओं की सुरक्षा में अभ्यास करने वाले इंजीनियरों की सहायता कर सकता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) ने इस अध्ययन को वित्त पोषित किया है। यह वायु विस्फोट के अधीन कंक्रीट गुरुत्वाकर्षण बांधों के स्थिरता विश्लेषण पर केंद्रित है।
आईआईटी मंडी के सहायक प्रोफेसर शशांक पाठक ने बताया कि विकसित किए गए समीकरणों का उपयोग मनमाने ऊंचाई और विस्फोट की दूरी पर विस्फोट किए गए किसी भी मनमाने चार्ज भार के विस्फोट के लिए किया जा सकता है। यह सतह पर कतरनी बल और सामान्य बल दोनों का अनुमान लगाता है। इसका उपयोग प्रारंभिक डिजाइन विश्लेषण के लिए सुरक्षा के कारकों का अनुमान लगाने के लिए किया जा सकता है। यह प्रारंभिक विश्लेषण बांध की ऊंचाई और चौड़ाई तय करने में मदद करता है जो डिजाइन में सबसे महत्वपूर्ण और बुनियादी पैरामीटर हैं। बताया कि टीम वर्तमान में समीकरण पर अतिरिक्त कार्य कर रही है।