
मुख्यमंत्री के रियायती बिजली देने के आश्वासन के बाद स्टील उद्योग संचालकों ने कंपनियां बंद करने का फैसला टाल दिया है। मुख्यमंत्री ने स्टील उद्योग संचालकों को पंजाब से कम दरों पर बिजली के दाम करने की बात कही है। हिमाचल प्रदेश के स्टील उद्योग संचालकों ने 26 फरवरी से उद्योग बंद करने की घोषणा की थी। इस माह का बिजली का बिल भी जमा न कराने की बात कही थी। उद्योगपतियों का कहना था कि उन्हें बिजली महंगी पड़ने से अब स्टील उद्योग चलाना कठिन हो गया है। हिमाचल में पंजाब और हरियाणा से भी बिजली महंगी हो गई है। जबकि हिमाचल अपनी बिजली स्वयं तैयार करता है। यही नहीं यहां पर एजीटी स्क्रैप और तैयार माल दोनों पर लग रहा है।
यह ऐसा पहला राज्य है जहां पर एजीटी दोनों पर लगता है। अन्य राज्यों में एक ही तरफ लगता है। इस बारे में लघु उद्योग भारती के प्रदेश महासचिव संजीव शर्मा ने बताया कि प्रदेश में लोह उद्योग के लिए स्क्रैप दिल्ली और दूसरे राज्यों से आता है। यहां का भाड़ा अन्य राज्यों से अधिक होने से पहले ही यहां स्टील संचालक प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहे हैं। यही नहीं यहां पर लोह उद्योगों में जो सामान तैयार होता है उसके रेट पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में निर्धारित होती है। उन्होंने कहा कि हर रोज रेट शेयर मार्किट के तर्ज पर बदलते हैं। इससे अब उद्योग चलाने पहले ही कठिन कार्य हो गया है। उन्होंने थताया कि सीएम के आश्वासन के बाद उद्योगपतियों ने बंद करने के फैसला को रद्द कर दिया है।
मेडिकल डिवाइस पार्क विद्युत सब स्टेशन के लिए जमीन अलार्ट
नालागढ़ के मेडिकल डिवाइस पार्क मझोली में बिजली बोर्ड को जमीन अलॉट हो गई है। यहां सब स्टेशन बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके साथ यहां पर पानी की व्यवस्था भी की जा रही है। राज्य सरकार इस पार्क को अब स्वयं बना रही है। यहां पर सभी ग्रीन उद्योग लगेंगे। यह पार्क पंजाब का घनौली स्टेशन के समीप होने से यहां पर रेलवे लाइन और फोरलेन की सुविधा भी निवेशकों को मिलेगी। अब जैसे ही यहां पर उद्योगपति प्लाट खरीदते रहेंगे उसके साथ-साथ पैसा इस पर लगाया जाएगा। यहां पर जमीन सीधे करने की जरूरत थी, अब यह कार्य पूरा हो गया है। इसके अलावा 45 फीसदी लैब, प्रशासनिक ब्लॉक, वेयर हाउस व 2250 वर्ग मीटर पर फ्लोटिड फैक्टरी बनाने का कार्य चालू है। इसमें 16 फैक्टरियां बनेंगी।
10 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार
नालागढ़ के मझोली में 1623 बीघा जमीन पर मेडिकल डिवाइस पार्क बनना है। यहां पर अभी तक 140 करोड़ पैसा लग चुका है। राज्य सरकार चाहती है कि सथ स्टेशन लगने के बाद जैसे ही बिजली और पानी की व्यवस्था होती है तो यहां पर निवेशकों को बुलाना शुरू कर दिया जाएगा। नए उद्योग जैसे-जैसे लगते रहेंगे वैसे ही उसी पैसे से यहां पर डेवलप किया जाएगा। मेडिकल डिवाइस पार्क में शुरू होने पर 10 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर, प्राषा होने की संभावना है। यहां पर वर्तमान में सड़कों व सीवरेज का कार्य चल रहा है।
ग्रीन उद्योग, रेल और फोरलेन पांच किलोमीटर की दूरी पर
मेडिकल डिवाइस पार्क रेलवे लाइन और फोरलेन से मात्र पांच किमी दूर है। यह पार्क निवेशकों को काफी पसंद आ रहा है। यहां पर जैसे ही बिजली का सब स्टेशन और सड़कें बन जाएंगी निवेशक आने शुरू हो जाएंगे। पार्क के लिए पैसे की दिक्कत नहीं रहेगी। जैसे-जैसे नए उद्योग लगेंगे उसी पैसे से यहां पर बचे कार्य को पूरा किया जाएगा।-हर्षवर्धन चौहान, उद्योग मंत्री