ग्लेशियर की चपेट में आने से बुझ गया घर का इकलौता चिराग, गरीब परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

Chamoli Avalanche: The only light of the house got extinguished after being hit by the glacier

 उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव ्र में ग्लेशियर की चपेट आने से हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के कुठार खुर्द के युवक की मौत हो गई है। जब यह दुखद सूचना परिजनों को रविवार दोपहर बाद मिली तो क्षेत्र में माहौल गमगीन हो गया। 10-15 दिन पहले ही हरमेश पुत्र ज्ञान चंद घर आया था। दो-तीन महीने बाद उसकी छोटी बहन की शादी है। शादी की तैयारियों का जायजा लेकर वह फिर से अपने काम के लिए उत्तराखंड लौट गया। वहां पर बीते शनिवार को ग्लेशियर की चपेट में आने से हरमेश की भी अन्य मजदूरों के साथ मौत हो गई। वह वहां पर मशीन ऑपरेटर था। हरमेश का परिवार गरीब तबके से संबंध रखता है और उसके पिता ज्ञान चंद दिहाड़ी-मजदूरी करते हैं।

लेकिन इकलौते बेटे के नौकरी लग जाने से अभी परिवार की बिगड़ी स्थिति में सुधार होना शुरू हुआ ही था कि गरीब परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और मां-बाप का इकलौता चिराग बुझ गया। हरमेश की बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और छोटी बहन की शादी तय की गई है। क्षेत्र में जैसे ही हरमेश के ग्लेशियर की चपेट में आने से मौत होने का पता चला तो पूरा क्षेत्र का माहौल गमगीन हो गया। बहन का भी रो-रो कर बुरा हाल है। अभी उसे उत्तराखंड में नौकरी पर लगे 8 से 10 महीने ही हुए थे। इलाके के युवक पारस ने बताया कि हरमेश मिलनसार और हर किसी की मदद के लिए हमेशा आगे रहता था। लेकिन इस तरह से हरमेश की असमय मौत हो जाने से उसके माता-पिता और दो बहनों को रो-रोकर बुरा हाल है। जबकि हरमेश की माता भी अपने इकलौते चिराग की मौत की सूचना पाकर बेसुध है।

कांगड़ा के महेंद्र ने अप्रैल में आना था छुट्टी
माणा गांव के पास हिमस्खलन की चपेट में आए नूरपुर के महेंद्र पाल का शव बरामद कर लिया गया है। एसडीएम नूरपुर गुरसिमर सिंह ने बताया कि महेंद्र पाल (40) पुत्र दिवंगत देस राज निवासी छोह (खुआड़ा) शुक्रवार से लापता थे। पार्थिव देह को उत्तराखंड से नूरपुर लाया जा रहा है। मृतक के छोटे भाई राम गोपाल ने बताया कि महेंद्र पाल पिछले 10 माह से भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा में एक निजी कंपनी में मोटर मेकेनिक कार्यरत था और पिछले वर्ष दिवाली पर घर आया था। अप्रैल में दोबारा छुट्टी आने वाला था। मृतक अपने पीछे पत्नी, बेटी और बेटे को छोड़ गया है। सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज, पूर्व मंत्री राकेश पठानिया और विधायक रणवीर सिंह निक्का ने इस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतक के परिवार के प्रति गहरी संवेदना जताई है। एसडीएम नूरपुर गुरसिमर सिंह ने बताया कि सोमवार को नायब तहसीलदार के माध्यम से मृतक के परिवार को गो तो सेठ प्रशासन की ओर से फौरी राहत प्रदान की जाएगी। 

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