हिमाचल प्रदेश में सोमवार से भारी बारिश होने का येलो अलर्ट, लाहौल में 2 जगह गिरे हिमखंड

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Himachal Weather Forecast Today IMD Alert for Rain and Snowfall Lahaul Mausam News in Hindi

मौसम खुलने के बाद जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में हिमखंड गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। लाहौल में दो जगहों पर हिमखंड गिरे। रविवार को जिला मुख्यालय केलांग से 12 किमी दूर मूलिंग के नजदीक पीर पंजाल की चोटी से हिमस्खलन हुआ, जिससे चंद्रा नदी का बहाव रुक गया, जबकि अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल के समीप यदलिंग नाले में भी हिमखंड गिरा। हिमस्खलन की चपेट में दो फूड वैन और एक ढाबा आया। मनाली-लेह नेशनल हाईवे पर लगा साइन बोर्ड भी क्षतिग्रस्त हुआ।

वहीं, हिमस्खलन से बंद हुआ अटल टनल के साउथ पोर्टल का मुहाना सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने खोल दिया है। लाहौल में बिजली और सड़कें अभी बहाल नहीं हो पाई हैं। वहीं, आईटीबीपी की बॉर्डर पोस्ट गयु के समीप अचानक हिमखंड गिरा और इसका बर्फीला तूफान आईटीबीपी के कैंप तक पहुंचा। गनीमत रही कि हिमखंड पोस्ट से महज 200 मीटर की दूरी पर रुक गया और बड़ा हादसा होने से टल गया। यह हादसा रविवार सुबह 11:00 बजे सब डिवीजन काजा के गयू में हुआ। इस दौरान आईटीबीपी के अधिकारी और जवान बर्फ हटाने का काम कर रहे थे।

लाहौल स्पीति में लगातार तीन दिनों तक बर्फबारी हुई है, जिस कारण रिहायशी इलाकों में दो से साढ़े तीन फीट तक हिमपात हुआ है। पहाड़ों की चोटियों में लगभग 4 से 6 फीट तक बर्फबारी हुई है। अब मौसम खुलने के बाद पहाड़ों से लगातार हिमखंड खिसकने का क्रम शुरू हो गया है। हालांकि हिमखंड गिरने के बाद बीआरओ ने मशीनों की मदद से मलबे को हटा दिया। जिले में चार दिनों से बिजली और मोबाइल नेटवर्क प्रभावित हुआ है। स्पीति घाटी में भी यही हाल हैं। लाहौल में भी मयाड़, लोअर पट्टन समेत कई गांवों में बिजली बंद है, जबकि अधिकांश संपर्क सड़कें बंद हैं। स्थानीय प्रशासन ने हिमखंड गिरने की संभावित खतरे को देखते हुए लोगों को अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी है। वहीं कुल्लू जिले में 80 से अधिक सड़कें और बिजली के करीब 500 ट्रांसफार्मर अभी बहाल नहीं हुए हैं।

हिमाचल प्रदेश में सोमवार से भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार और मंगलवार को राज्य के अधिकांश इलाकों में भारी वर्षा होने के आसार हैं तो उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात हो सकता है। रविवार को मौसम खुला तो बंद सड़कों को बहाल करने का काम युद्धस्तर पर चला रहा। इसके बावजूद प्रदेश भर में करीब 250 सड़कें और 300 से अधिक बिजली के ट्रांसफॉर्मर थे। रविवार को धूप खिली तो राहत कार्य दिन भर चले रहे।

हालांकि, उच्च पर्वतीय जनजातीय क्षेत्रों में हिमखंड गिरने का खतरा बना रहा। प्रदेश में यह बारिश और बर्फबारी कृषि व बागवानी फसलों के लिए अच्छी है। इससे जमीन में नमी बढ़ गई है। अच्छी बारिश होने से स्रोतों में भी पानी बढ़ गया है। इससे गर्मियों में पेयजल घटने की आशंका भी कुछ कम हुई है। मौसम केंद्र शिमला के अनुसार केलांग में न्यूनतम तापमान -6.9 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। अधिकतम तापमान देहरागोपीपुर में 22 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। रविवार को सुंदनगर में घना और मंडी में हल्का कोहरा छाया रहा। ताबो, बिलासपुर और बरठीं में बहुत तेज हवाएं चलीं। ऊना, मंडी, चंबा में अत्यधिक शीत दिवस और कल्पा में भी शीत दिवस रहा।

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