वाद्ययंत्रों की धुनों पर नाचते-गाते निकली दूसरी जलेब, हजारों लोग देव परंपरा के बने गवाह


 

Mandi Mahashivratri second procession started with dancing and singing to the tunes of musical instruments

अंतरराष्ट्रीय मंडी महाशिवरात्रि महोत्सव में रविवार को राज देवता माधोराय की अगुवाई में दूसरी जलेब धूमधाम से निकली। बजंतरियों और देवलुओं के साथ हजारों लोग देव परंपरा के गवाह बने। जलेब में प्राचीन परंपरा का निर्वहन करते हुए देवी-देवताओं ने भाग लिया। जलेब में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इससे पहले उन्होंने राज देवता माधो राय के मंदिर में पूजा-अर्चना की।

रविवार को मौसम पूरी तरह साफ रहा। खुशगवार मौसम के बीच 12 बजे देवी-देवता शहर की सड़कों पर निकल आए। वाद्ययंत्रों की ध्वनियों से समूचा शहर गूंज उठा। देवी-देवताओं के रथों के आगे और पीछे नाचते गाते देवलुओं को देख देव महाकुंभ जैसी अनुभूति हुई। हर कोई वाद्ययंत्रों की स्वर लहरियों के बीच खुद को थिरकने से नहीं रोक पाया। शहर में सड़क के किनारे देवी-देवताओं के दर्शन के लिए लोग हाथ जोड़ कर खड़े रहे।

दूसरी एवं मध्य जलेब का नेतृत्व सराज घाटी के देवता छांजणू-छमांहू ने किया। उनके पीछे प्राचीन परंपरा के अनुसार मार्कंडेय ऋषि, देव विष्णु मतलोडा, ऋषि पराशर, देवी अंबिका थट्टा डाहर, शैटी नाग, मगरु महादेव, देव बायला नारायण, चपलांदू नाग, देव बिठु नारायण, लक्ष्मी नारायण, देव हुरंग नारायण, देव पशाकोट, देव चुंजवाला, देव तुंगासी, देव गणपति, देव टुंडीवीर समेत अन्य देवी-देवताओं ने अपने-अपने देवलुओं के साथ भाग लिया। चौहारघाटी के देवताओं ने हुरंग नारायण की अगुवाई में शिरकत की।

मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि आयोजन समिति की ओर से देवी-देवताओं तथा उनके साथ पहुंचे देवलुओं की सुविधा के लिए सभी जरूरी प्रबंध किए हैं। इधर, सर्व देवता सेवा समिति के अध्यक्ष शिव पाल शर्मा ने बताया कि जलेब में देवी-देवताओं का क्रम रियासत काल से ही निर्धारित है। इस मौके पर विधायक चंद्रशेखर, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी समेत अन्य नेता मौजूद रहे।

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