सुक्खू बोले- बिजली प्रोजेक्टों में तय हो हिमाचल का हिस्सा, फिर किसी से मांगने की जरूरत नहीं

cm sukhvinder Sukhu said- Himachal share should be decided in power projects, then there is no need to ask fro

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश संपदा के मामले में सबसे अमीर है। यहां पानी कच्चे माल के रूप में है। उन्होंने कहा कि जितने भी बिजली प्रोजेक्ट हैं, उन्हीं में हिमाचल को उसका हक मिल जाए तो किसी से कुछ मांगने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि एसजेवीएनएल हिमाचल के पानी से आज 67,000 करोड़ की कंपनी हो गई है और राज्य का बजट केवल 58 हजार करोड़ का है। बिजली कंपनियां जिस तरह से पानी का दोहन कर रही हैं, उसमें प्रदेश का शेयर भी निश्चित कर दिया जाए तो हिमाचल देश का अमीर राज्य बनेगा। सीएम ने यह बात सोमवार को बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा परिसर में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कही। सीएम ने कहा कि आने वाले समय में थोड़ी कठिनाई के साथ आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

पहले वैट और आबकारी के रूप में हर साल आते थे 3800 करोड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के समय में जीएसटी क्षतिपूर्ति की एवज में 2017 से लेकर जून 2022 तक ही प्रदेश को मदद मिली। यह 3,200 करोड़ रुपये का था। हिमाचल ने ओपीएस लागू की तो केंद्र सरकार ने हिमाचल की कर्ज लेने की सीमा में 1600 करोड़ रुपये की कटौती कर ली। जब जीएसटी लागू नहीं था तो वैट और आबकारी के रूप में हर साल 3800 करोड़ रुपये राजस्व आता था। उद्योगों से 3000 करोड़ की जगह 200 करोड़ ही आ रहे।

अगले साल से आईजीएमसी, टांडा में एम्स की तर्ज पर उपचार : सुक्खू
 मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अगले साल से आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज में एम्स दिल्ली की तर्ज पर जांच और उपचार सुविधा मिलेगी। जिन शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की संख्या कम है या जहां पर छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पा रही है, वे अगले शैक्षणिक सत्र से बंद कर दिए जाएंगे। उन संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए निकट के अच्छे संस्थानों में सीटें बढ़ाई जाएंगी। विद्यार्थियों को आने-जाने का खर्च भी सरकार देगी। मुख्यमंत्री ने सोमवार को शिमला के राजीव गांधी महाविद्यालय में आयोजित वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में ये बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में एआई, डाटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी और मशीन लर्निंग जैसे कोर्स शुरू किए जाएंगे। अगले शैक्षणिक सत्र से सरकार जिला मुख्यालयों में राजीव गांधी डे बोर्डिंग को-एजुकेशन स्कूल शुरू कर रही है। डे बोर्डिंग में खेलकूद, स्वीमिंग, इंडोर खेल स्टेडियम हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। 

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