
हिमाचल प्रदेश में चल रही पटवारी-कानूनगो की हड़ताल फिलहाल खत्म नहीं होगी। शनिवार को गगल हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से बातचीत के बाद रविवार को संयुक्त पटवारी-कानूनगो संघ ने वर्चुअल बैठक की। पटवारी-कानूनगो महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मित से फैसला लिया गया है कि जब तक सरकार पटवारी कानूनगो के राज्य कैडर की अधिसूचना को खत्म करने को लेकर पत्र जारी नहीं करती और महासंघ को वार्ता के लिए आमंत्रित नहीं करती तब तक हड़ताल जारी रखी जाएगी। महासंघ ने आश्वासन के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया है।
जिस दिन सरकार राज्य कैडर की अधिसूचना को निष्प्रभावी करने का पत्र जारी करेगी उसी दिन प्रदेश के सभी पटवारी-कानूनगो काम पर लौट आएंगे। महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय कपूर, राज्य प्रेस सचिव युवराज नेगी, ऊना से रवींद्र शर्मा, कांगड़ा से विचित्र सिंह, चंबा से दलजीत, हमीरपुर से मीना कालिया, बिलासपुर से सुनीत दत्त जोशी, कुल्लू से ऋषभ डोगरा, लाहौल-स्पीति से संजीव, किन्नौर से नवीन नेगी, शिमला से चमन ठाकुर, सोलन से अमनदीप सिरमौर से रजनीश शर्मा, मंडी से विशंभर ठाकुर वर्चुअल बैठक में जुड़े। महासंघ ने अपने फैसले से मुख्यमंत्री कार्यालय, राजस्व मंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व, निदेशक भू-अभिलेख, सभी उपमंडलाधिकारियों को अवगत करवा दिया है
नाजायज मांग के लिए बना रहे हैं अनावश्यक दबाव : चौहान
उपायुक्त कार्यालय कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष लोकेंद्र चौहान ने कहा कि पटवारी-कानूनगो संघ ने मांगों को मनवाने के लिए दोबारा मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से वार्ता के लिए आग्रह किया है। वह सरकार पर अपनी नाजायज मांग नायब-तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के लिए मिनिस्ट्रियल स्टाफ के लिए निर्धारित 20 फीसदी कोटे को समाप्त करवाने के लिए स्टेट कैडर की आड़ में अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनका महासंघ पहले ही मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री व एसीएस (राजस्व) से पहले ही मिल चुका है और मुख्यमंत्री, मंत्री और एसीएस ने उनके लिए निर्धारित 20 फीसदी कोटे में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं करने के बारे में आश्वस्त किया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि अगर सरकार पटवार/कानूनगो संघ को वार्ता के लिएबुलाती है तो महासंघ को भी बुलाए ताकि वह अपना पक्ष रख सके। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दिनों से पटवार-कानूनगो संघ के कुछ पदाधिकारी मिनिस्ट्रियल स्टाफ के बारे में सोशल मीडिया में अभद्र बयानबाजी कर रहे हैं, जिसके कारण माहौल खराब हो रहा है। अगर वे बयानबाजी से बाज नहीं आता तो उन्हें मजबूरन इस प्रकार की बयानबाजी करनी पड़ेगी।