हिमाचल के कुल्लू में 400 साल पुरानी परंपरा से मनाई जाती है होली, आज से हुआ आगाज

Holi is celebrated in Himachal's Kullu as a 400 year old tradition, it started today

हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में आज छोटी होली मनाई जा रही है। इसके लिए यहां तमाम हाट बाजार सज गए हैं। खासकर तरह-तरह के रंगों की दुकानें पूरी तरह से सज गई हैं। जिले में 12 और 13 मार्च दो दिनों तक होली मनाई जाएगी, जबकि देशभर में 14 मार्च को होली उत्सव मनाया जाएगा। कुल्लू में एक दिन पूर्व ही होली उत्सव संपन्न हो जाएगा। छोटी होली के शुभारंभ पर  रघुनाथ मंदिर में होली मनाई गई। इस दाैरान भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह भी माैजूद रहे। इस दाैरान एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं। 12 मार्च को जिले में सुबह से छोटी होली और गुरुवार को बड़ी होली मनाई जाएगी। ऐसे में बुधवार सुबह से ही लोग अपनी-अपनी टोलियों में शहर में घूमने शुरू हो गए हैं और एक दूसरे पर रंगों की बरसात कर रहे हैं। जबकि कई टोली ढोल और ढोलक की थाप पर भी शहर में टोलियों में घर और गली गली जाकर एक-दूसरे को रंग लगाकर मुबारकबाद दे रहे हैं।

कुल्लू में बैरागी समुदाय की होली विशेष मानी जाती है। हालांकि परंपरानुसार यहां होली उत्सव का आगाज 40 दिन पहले से ही माना जाता है, लेकिन होली के ठीक आठ दिन पहले से होलाष्टक शुरू होते हैं। इसमें हर दिन बैरागी समुदाय के लोग भगवान रघुनाथ के साथ होली मनाने की परंपरा निभाते हैं। इस दौरान भगवान रघुनाथ के चरणों में हर रोज गुलाल चढ़ाया जाता है। इसमें बैरागी समुदाय की भूमिका अहम रहती है। इसके साथ ही बैरागी सामुदाय के लोग शहर में ब्रज के गीत गाते हुए टोलियों में एक दूसरे के घर जाकर होली मनाते हैं। 14 मार्च को होली के त्योहार से पहले ब्रज भाषा में पारंपरिक होली गीत गाते हैं और गुलाल उड़ाते हैं।  पिछले 400 सालों से प्राचीन परंपरा को निभाते आ रहे हैं।

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