
चांजू में निर्माणाधीन 48 मेगावाट के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की आवासी कॉलोनी में आग लगने से दस कमरे राख हो गए, जबकि एक कर्मचारी जिंदा जल गया। मृतक की पहचान बिंदू पुत्र धर्मचंद निवासी गांव संगेड़, डाकघर रजेरा के रूप में हुई है। यह कर्मी पावर प्रोजेक्ट बनाने वाली कंपनी में कार्यरत था। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। आग किन कारणों से लगी, इसे लेकर पुलिस जांच कर रही है। आग से करीब 40 लाख का नुकसान हो गया, जबकि 16 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
शुक्रवार को कंपनी के अन्य कर्मचारियों के साथ उसने होली मनाई। शाम को वह आराम करने के लिए अपने कमरे में चला गया। रात को अचानक काॅलोनी में आग लग गई। चंद मिनटों में आग पूरी कॉलोनी में फैल गई। कॉलोनी में रहने वाले अन्य कर्मचारी आग की चपेट में आने से पहले वहां से निकल आए, लेकिन बिंदू जब अपने कमरे से नहीं निकला तो अन्य कर्मचारियों ने उसका दरवाजा खोलने का प्रयास किया। लेकिन, दरवाजा अंदर से बंद था। कमरे के अंदर बिंदू धुएं से दम घुटने से बेसुध हो गया था। इस बीच वह आग की चपेट में आने से झुलस गया। जब तक उसे कमरे से बाहर निकाला गया, तब तक उसकी जलने के कारण मौत हो चुकी थी। कॉलोनी में आग करीब रात 11:00 बजे लगी।
कंपनी के कर्मचारियों व स्थानीय लोगों ने पानी फेंककर आग को बुझाने का प्रयास किया। दमकल विभाग की टीम 40 किलोमीटर दूर तीसा से मौके पर पहुंची। दमकल विभाग ने पानी की बौछार कर आग को तो बुझाया, लेकिन तब तक कमरे में फंसे बिंदु कुमार की मौत हो चुकी थी। एसपी अभिषेक यादव ने बताया कि आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस मामले में आगामी जांच कर रही है।