72 घंटे बाद भी पुलिस नाकाम, स्थानीय युवक सौरभ पटियाल के तार भी जुड़े…

Attack on Bumber Thakur Police unsuccessful even after 72 hours local youth Saurabh Patial

होली के दिन पूर्व विधायक बंबर ठाकुर गोलियां बरसाने के मामले में 72 घंटे बाद भी पुलिस शूटरों तक नहीं पहुंच पाई है। पुलिस ने इस मामले में अभी तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया लेकिन हमले में शामिल चार मुख्य शूटरों सहित पांच आरोपी फरार हैं।

इस मामले में हरियाणा पुलिस ने कुछ संदिग्धों को रोहतक में हिरासत में लिया है, जिनकी पहचान के लिए बोलेरो चालक रितेश को पुलिस हरियाणा लेकर गई है। वहीं अब तक जो आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं उन पर बंबर की रेकी कराने और आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप है। गोलीकांड को अंजाम देने वाले चार मुख्य आरोपी थे। लेकिन अब तक दो शूटरों की ही पहचान हो सकी है। वे भी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस ने अज्ञात आरोपी शूटरों के स्केच भी तैयार कराए हैं। उनके आधार पर उन्हें ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है।

शूटर होली वाले दिन पूरी योजना के साथ गोलीकांड को अंजाम देने के लिए बिलासपुर के वीआईपी सेक्टर चंगर पहुंचे थे। वारदात को अंजाम देने के बाद भागने में सफल रहे। गोलीकांड से जिस स्थानीय युवक सौरभ पटियाल के तार जुड़ रहे हैं, वह पुलिस के हाथ नहीं लगा है। हिमाचल के साथ हरियाणा पुलिस भी आरोपियों की तलाश में जुटी है। तीन जिलों के एसपी और पुलिस फोर्स प्रदेश में ही आरोपियों को पकड़ने में पूरी तरह से नाकाम रही। हाईवे पर और शहर में लगे सीसीटीवी फुटेज से भले ही वाहन और कुछ स्थानीय आरोपियों को पकड़ने में मदद मिली है, लेकिन अब फरार आरोपी पुलिस को नाकों चने चबवा रहे हैं।

हमले से ढाई घंटे पहले भी बंबर के आवास पर गए थे शूटर
गोलीकांड मामले में एक और सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। बंबर ठाकुर के आवास पर लगे कैमरा में साफ दिख रहा है कि शूटर होली के दिन सुबह से ही शहर में थे। वे हमला करने से पहले भी बंबर के आवास की ओर करीब 12 बजे गए थे। उसके बाद हमला करने 2:47 के करीब फिर से पहुंचे। इसके अलावा एक और बात सामने आ रही है कि उन्होंने शहर के ठेके से शराब भी खरीदी थी। इससे साफ है कि आरोपी नशे के भी आदी हैं।

बिलासपुर में एक साल में दो गोलीकांड
बजट सत्र होने के चलते पुलिस पर आरोपियों को पकड़ने के लिए दबाव भी है, लेकिन फिर भी पुलिस को सफलता नहीं मिली है। गौरतलब है कि बिलासपुर में एक साल में दो गोलीकांड हो चुके हैं। इसके अलावा घुमारवीं के जाहड़ी जंगल में अवैध हथियारों के साथ गोली चलाने का अभ्यास करने वाला हरियाणा के रोहतक का युवक आज तक पुलिस के हाथ नहीं लगा। वहीं अगर जल्द ही इस गोलीकांड को अंजाम देने वाले आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए तो क्या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा और इसके बाद फिर से ऐसी ही वारदात और होगी।

तीन माह से जिले में ही घूम रहे थे आरोपी
हैरानी का सबसे बड़ी बात यह है कि आरोपी शूटर तीन माह से जिले में ही घूम रहे थे। जिले के मंदिरों में दर्शनों के लिए पहुंच रहे थे। यहीं डेरा जमा कर अपनी योजना को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे। फिर भी पुलिस को कोई पता नहीं चल सका।

आरोपियों के प्रदेश से बाहर निकलने की आशंका
गोलीकांड को अंजाम देने वाले चार में से दो आरोपी पहलवानी करते हैं। आशंका है कि जिस तरह से वो बिलासपुर, मंडी और फिर कुल्लू में पुलिस की आंखों में चकमा देकर भागे हैं, उसी तरह उनका प्रदेश से बाहर भागना भी कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने पहले इस कांड को अंजाम देने के लिए योजना बनाई और फिर तीन जिलों की पुलिस को चकमा देकर फरार भी हो गए।

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