
हिमाचल प्रदेश में जल आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए मुख्यमंत्री स्वच्छ जल शोधन योजना की घोषणा की गई है। योजना में नवीनतम तकनीकों जैसे ओजोनेशन, नैनोफिल्ट्रेशन का उपयोग कर जल शोधन कर साफ पानी लोगों को उपलब्ध करवाया जाएगा। घरेलू और व्यावसायिक जल आपूर्ति योजनाओं का भी उन्नयन किया जाएगा ताकि उच्च गुणवत्ता वाला जल लोगों तक पहुंच सके। योजना में 80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में लाहौल स्पीति के लिए 27 करोड़ से 20 वाटर सप्लाई स्कीमें और किन्नौर में 72 करोड़ से 6 वाटर सप्लाई स्कीमें शुरू करने की घोषणा की। नादौन, भोरंज, अमलेहड़ और हरोली में 4 वाटर सप्लाई स्कीम और बद्दी के लिए एक सीवरेज स्कीम का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।
298 करोड़ रुपये से मंडी, ठियोग, राजगढ़, चंबा, हमीरपुर, सुन्नी, रामपुर, डलहौजी, अंब, भुंतर, नाहन, ज्वाली, बैजनाथ, अर्की, निरमंड, पालमपुर और जोगिंद्रनगर में पेयजल आपूर्ति की जा रही है। इनमें से 11 नगरों में कार्य प्रगति पर है। शेष नगरों में कार्य वित्त वर्ष 2025-2026 के दौरान किया जाएगा। भुंतर, नाहन, ज्वाली, अर्की, निरमंड, जोगिंद्ररनगर, शाहपुर, भटियात और करसोग में 167 करोड़ से पेयजल योजनाओं का काम शुरू किया जाएगा। नेरवा, चिड़गांव, कंडाघाट, टाहलीवाल में पेयजल योजनाओं के उन्नयन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है
ग्रामीण क्षेत्रों के 20,663 घरों में बेहतर होगी पेयजल आपूर्ति
ग्राम पेयजल उन्नयन परियोजना के तहत 745 करोड़ की लागत से 8 जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में 20,663 घरों तक बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। कार्य 2025-2026 के अंत तक पूरा किया जाएगा। ग्रामीण पेयजल उन्नयन एवं आजीविका परियोजना के तहत 1062 करोड़ से 10 जिलों की 2,471 बस्तियों में लगाए जा रहे 79,282 फंक्शनल हाउस होल्ड टैप कनेक्शन का 43 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष कार्य शीध्र पूर्ण कर लिया जाएगा। ज्वालामुखी, जस्वां, परागपुर और देहरा में आगामी वित्त वर्ष के दौरान 43 करोड़ की पीने के पानी को ट्रीट करने के प्लांट लगाए जाएंगे। किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़ 10 जिलों में 291 चयनित योजनाओं में सेंसर आधारित रियल टाइम निगरानी सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं। पीने के पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर 14 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। जल आपूर्ति, सिंचाई और सीवरेज योजनाओं में ग्रीन एनर्जी का प्रयोग करने के लिए सौर पैनलों की स्थापना की जाएगी।
पांच शहरों को सीवरेज सुविधा : नेरवा, चौपाल, राजगढ़, शाहपुर और बिलासपुर के लिए सीवरेज योजनाओं का कार्य 2025-2026 में आरंभ कर दिया जाएगा। इस सुविधा से वंचित शेष 9 नगरों के लिए भी प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार ने वर्तमान में 41 सीवरेज योजनाओं को विभिन्न कार्यक्रमों के तहत स्वीकृत किया है, जिसमें से कांगड़ा, मंडी, चंबा और किन्नौर जिलों के 14 कस्बों में सीवरेज योजनाओं पर कार्य 2025-2026 में शुरू किया जाएगा।