आंगनबाड़ी में नाैकरी के लिए फर्जी दस्तावेज बनाया, पंचायत सचिव समेत चार को तीन साल की कैद

Fake documents made for job in Anganwadi, Panchayat Secretary and four others were sentenced to three years im

विशेष न्यायाधीश की अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में आरोप सिद्ध होने पर पंचायत सचिव और एक ही परिवार के तीन लोगों को तीन-तीन के साल के कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने सभी 10,000-10,000 रुपये जुर्माना भी लगाया है। विजिलेंस के पुलिस अधीक्षक कुलभूषण वर्मा ने बताया कि जुलाई 2014 विजिलेंस कार्यालय कुल्लू में विमला देवी पुत्री तेज राम गांव भूईका शल्याउड़ी डाकघर चकुरठा तहसील बंजार की शिकायत पर केस दर्ज हुआ था।शिकायतकर्ता का आरोप था कि मुर्तू देवी ने अपने पति नीरत राम गांव शल्याउड़ी, डाकघर चकुरठा, तहसील बंजार से मिलीभगत कर अपने परिवार की वार्षिक आय कम दिखाने और अपनी बहू निर्मला देवी पत्नी हीरा लाल को आंगनबाड़ी केंद्र शल्याउड़ी में नौकरी लगाने की नीयत से झूठा शपथ पत्र तैयार कर अपने तलाक के दस्तावेज बनाए।

तत्कालीन पंचायत सचिव देवेंद्र कुमार ने मंगलौर पंचायत से मिलीभगत कर मुर्तू देवी का नाम परिवार रजिस्टर से काटकर दूसरी पंचायत चकुरठा को भेजा। इस पर इसका नाम पंचायत चकुरठा के परिवार रजिस्टर में अकेला दर्ज हुआ। परिवार रजिस्टर की नकल और परिवार की कम वार्षिक आय के आधार पर निर्मला देवी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी हासिल की। विवेचना पूरी करने के बाद विजिलेंस ने आरोपियों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया। इस दौरान 10 मार्च को कोर्ट ने दोनों पक्षों और गवाहों की दलीलें सुनने के बाद मुर्तू देवी, उसके पति नीरत सिंह और बहू निर्मला देवी को तीन-तीन साल की सजा सुनाई। तत्कालीन पंचायत सचिव देवेंद्र कुमार को भी तीन साल की सजा सुनाई गई है। मामले में अभियोजन पक्ष ने 25 गवाहों के बयान दर्ज किए।

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