
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चिट्टा तस्करी के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि अगर आपराधिक प्रवृति के आरोपी को जमानत पर रिहा किया गया तो इससे समाज में युवकों और लोगों को गलत संदेश जाएगा। न्यायाधीश राकेश कैंथला की अदालत ने कहा कि नशीले पदार्थों की लत का खतरा विशेष रूप से युवकों और छात्रों में समाज के ताने बाने को गंभीर रूप से प्रभावित कर चुका है जिससे भावी पीढ़ी के साथ-साथ भविष्य पर भी गंभीर संकट है। स्टेटस रिपोर्ट से पता चलता है कि आरोपी पर पहले भी लुधियाना और दिल्ली में एनडीपीएस की धारा 21 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसका मतलब है कि याचिकाकर्ता का आपराधिक इतिहास रहा है।
बता दें कि 19 दिसंबर 2024 को जब जिला पुलिस दल सोलन गश्त ड्यूटी पर था। उन्हें शाम 7:45 बजे गुप्त सूचना मिली कि याचिकाकर्ता राम चंद्र और एक अन्य आरोपी हेरोइन बेच रहे है। जब पुलिस ने उनके मकान की तलाशी ली, तो याचिकाकर्ता के पास से 6.19 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। याचिकाकर्ता का मानना था कि उसके कब्जे से बरामद हेरोइन की मात्रा एक मध्यम मात्रा है और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 की कठोरता वर्तमान मामले पर लागू नहीं होता है। इसलिए याचिकाकर्ता जमानत का हकदार है। वहीं पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी पर पहले भी आपराधिक मुकदमे दायर हैं। ऐसी सूरत में इसे जमानत पर रिहा न किया जाए। रिपोर्ट में याचिकाकर्ता को जमानत देने का विरोध किया गया है।
विकास बंसल की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने छात्रवृति घाेटाले में दोषी विकास बंसल की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख दिया है। मामले की सुनवाई न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने की। इस याचिका पर पिछले कई दिनों से सुनवाई चल रही थी। ईडी की ओर से याचिकाकर्ता को जनवरी 2025 में गिरफ्तार किया गया। याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि ईडी ने उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में लिया है। इसी को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2012 से 2017 के बीच हुए 181 करोड़ के छात्रवृति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने कालाअंब स्थित हिमालयन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के एमडी के भाई विकास बंसल सहित अन्य को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि हिमाचल के हजारों एसटी, एससी और ओबीसी विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृति की राशि कई शिक्षण संस्थानों ने डकार ली। याचिकाकर्ता को इस मामले में 9 मई 2022 को जमानत पर रिहा किया था। जनवरी 2025 में ईडी ने इसे फिर से गिरफ्तार किया है। पंचकूला में विकास बंसल के घर पर दबिश के दौरान ईडी ने कई दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं।