
हिमाचल प्रदेश में जल स्रोतों में औसत 10 फीसदी तक पानी घट गया है। गर्मियों के बढ़ने पर पेयजल संकट और गहरा सकता है। राज्य में हल्की बारिश होने के बावजूद पानी के स्रोतों में पानी की कमी नजर आने लग गई है। बर्फ कम गिरने और सर्दियों में कम वर्षा होने का असर इन स्रोतों पर नजर आने लगा है, वहीं जल शक्ति विभाग इस संबंध में फिर से रिपोर्ट मंगवा रहा है, जिससे कि आने वाले समय में पेयजल संकट की समस्या से निपटा जा सके।
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां रोजाना पानी छोड़ा जा रहा था, वहीं कई स्थानों पर अब इसे वैकल्पिक दिन में भेजा जा रहा है। कई क्षेत्रों में पेयजल स्रोतों में 30 फीसदी तक भी पानी कम हो चुका है तो कई क्षेत्रों में यह 5 से 20 फीसदी कम हुआ है। वहीं, राज्य सरकार के जल शक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा ने कहा कि यह सही है कि हिमाचल प्रदेश में सर्दियों में बर्फ के कम गिरी और कम वर्षा होने की वजह से पेयजल स्रोत ठीक से रिचार्ज नहीं हो पाए। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि औसत 10 फीसदी तक की कमी इन स्रोतों में नजर आई है। बाकी फील्ड से रिपोर्ट मिलने पर ही वस्तुस्थिति बताई जा सकती है। उन्होंने कहा किबीच-बीच में बारिश होने से भी पानी की स्रोत रिचार्ज हो रहे हैं। हालांकि प्रदेश में अभी किसी भी क्षेत्र से जल संकट की शिकायत नहीं आई है।