
भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच मनाली-लेह सड़क की बहाली का काम तेज हो गया है। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद रक्षा मंत्रालय ने बीआरओ को मनाली-लेह सड़क को बहाल करने के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
बीआरओ ने 16,300 फीट ऊंचे बारालाचा दर्रा में पूजा-अर्चना के बाद बर्फ हटाने की मुहिम तेज कर दी है। यहां से अब बीआरओ का काफिला ऊंचाई से नीचे की तरफ उतरेगा। लिहाजा, अब आगे के रास्ते में कम बर्फ होगी। यहां से हिमाचल और लद्दाख की सरहद सरचू महज 30 किमी दूर रह गई है। इसके बाद मनाली-लेह मार्ग पर वाहन दौड़ने शुरू हो जाएंगे।
बीते साल यह मार्ग 23 अप्रैल को ट्रैफिक के लिए खुला था। बीते दिनों दारचा से आगे बारालाचा दर्रा के आसपास लगातार खराब मौसम के बावजूद सीमा सड़क संगठन के 70 आरसीसी ने मार्ग मनाली-लेह को बहाल करने में अपनी पूरी ताकत झोंकी दी है। सीमा सड़क संगठन की टीम मनाली की ओर से बारालाचा दर्रा पहुंच गई है। मंगलवार को बारालाचा दर्रा फतह कर बीआरओ ने सरचू की तरफ कूच कर लिया है। इस अभियान में बीआरओ 70 आरसीसी ने डेढ़ दर्जन मशीनों को तैनात कर रखा है। यह पूरा इलाका समुद्रतल से 14,000 से 16,000 फीट की ऊंचाई पर है।
दिन में भी पारा शून्य से नीचे, फिर भी डटे हैं जवान
यहां कड़ाके की ठंड के बीच ऑक्सीजन की कमी के कारण सांस लेना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद सीमा सड़क संगठन के अधिकारी और जवान दिन-रात मिशन स्नो क्लीयरेंस में जुटे हैं। बर्फीला और बेहद ऊंचाई पर होने के कारण यहां दिन का पारा शून्य से नीचे चल रहा है। सरचू से आगे लद्दाख की सरहद में इस सड़क को बहाल करने के लिए बीआरओ का हिमांक प्रोजेक्ट ने मोर्चा संभाला है।
पहलगाम हमले के बाद बीआरओ पर बढ़ा दवाब
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लद्दाख की सरहद तक पहुंचने के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग मनाली-लेह को जल्द खोलने के लिए बीआरओ पर केंद्र का दबाव बढ़ गया है। बीआरओ के एक अधिकारी ने बताया कि बीआरओ ने सड़क बहाली के लिए बारालाचा के साथ-साथ सरचू की तरफ से भी मशीनों को तैनात कर दिया है। मौसम ठीक रहा तो दो सप्ताह के भीतर सरचू तक मार्ग खुल जाएगा।