
चूड़धार में शिरगुल देवता मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 1 मई से खुल जाएंगे। कपाट खुलने के बाद श्रद्धालु बम भोले के जयकारों के साथ जिला शिमला और सिरमौर की 11,765 फीट ऊंची चोटी पर विराजमान भगवान शंकर की भव्य प्रतिमा के दर्शन कर पाएंगे।
मंदिर कमेटी के चेयरमैन एसडीएम चौपाल हेम चंद वर्मा ने कहा कि एक मई से यात्रा अधिकारिक तौर पर आरंभ हो जाएगी। उन्होंने प्रशासन को चूड़धार में यात्रियों के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के जौंसार बाबर, सिरमौर, शिमला और सोलन के लोगों की शिरगुल महाराज में अगाध आस्था है। मई से नवंबर तक इन जगहों से लोग अपने आराध्य देवता और चूड़धार चोटी पर स्थित भगवान शंकर के दर्शनों के लिए प्रतिदिन हजारों लोग चूड़धार पहुंचते हैं।
इसके अलावा मैदानी इलाकों से भी सैकड़ों श्रद्धालु और पर्यटक तपती गर्मी से सुकून लेने के लिए चूड़धार की ठंडी वादियों का रुख करते हैं। यह यात्रा मई से अक्टूबर माह तक चलती है। मंदिर के कपाट खुलने की अधिसूचना के बाद प्रशासन ने भी चूड़धार यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी सराय भवनों एवं शौचालयों आदि की साफ-सफाई की जा रही है। चूड़ेश्वर सेवा समिति की ओर से हर साल 15 मई से चूड़धार पहुंचने वाले यात्रियों के लिए लंगर की व्यवस्था की जाती है। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
एसडीएम हेम चंद वर्मा ने कहा कि यात्रा शुरू होने के बाद से चूड़धार में कमेटी की कैंटीन शुरू की जाएगी। इसमें यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाएगी।