कुल्लू में निजी बस परिचालक को एक घंटे तक किया डिजिटल अरेस्ट

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कुल्लू में एक निजी बस का कंडक्टर साइबर ठगी का शिकार होने से बाल-बाल बच गया। ताजा मामले में एक निजी बस के परिचालक को शुक्रवार सुबह करीब एक घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल के नाम से परिचालक को फर्जी एफआईआर की कॉपी और साथ में पुलिस कस्टडी का एक वीडियो भी भेजा गया। करीब एक घंटे तक परेशान रहे परिचालक ने कुल्लू पुलिस की मदद लेने के बाद राहत की सांस ली।

घटना शुक्रवार सुबह करीब 8:55 बजे की है। परिचालक महेंद्र निवासी गड़सा को पहले मैसेज आते हैं और बाद में शातिर ने फोन किया। शातिरों ने परिचालक के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा केस दर्ज करने की बात कही। शातिरों ने बाकायदा इसकी फर्जी एफआईआर की काॅपी भी भेजी। इसे देखकर परिचालक घबरा गया और शातिरों ने उसे केस को रफा-दफा करने की बात कही। इसके एवज में 8200 रुपये मांगे। इसके लिए व्हाट्एप पर दो अकाउंट नंबर दिए गए।

परिचालक ने सर्वर डाउन होने का बहाना बताया तो शातिरों ने क्यूआर कोड भी जारी किया। राशि न डालने पर घबराए परिचालक को फोन कर धमकाने की कोशिश की। कहा कि अभी 8,200 रुपये नहीं दिए तो उनको दो से ढाई लाख रुपये खर्च करने होंगे। जमीन तक बेचनी पड़ सकती है। लगभग एक घंटे तक शातिरों द्वारा परेशान करने पर महेंद्र कुल्लू पुलिस के साइबर सेल के कार्यालय पहुंचा। उन्होंने साइबर सेल के अधिकारियों को अवगत करवाया और बाद में उन नंबरों को ब्लॉक किया गया। इसके बाद परिचालक ने राहत की सांस ली।

घबराएं नहीं, पुलिस को दें सूचना
शातिर लोगों को ठगने के लिए के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग किसी तरह के लिंक को न ओपन करें और न ही किसी को भेजें। उन्होंने कहा कि अगर कोई शातिर उनको कॉल कर परेशान कर रहा है तो वह इसकी सूचना पुलिस काे दें। 

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