अब पंचायतें लगाएंगी स्वच्छता शुल्क, खुले में कूड़ा फेंका तो 500 रुपये तक जुर्माना

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Now panchayats will levy cleanliness fee, if garbage is thrown in the open then fine up to Rs 500 will be impo

हिमाचल में ग्राम पंचायतें अब स्वच्छता शुल्क लगाएंगी। खुले में कूड़ा फेंकने पर 200 से 500 रुपये तक जुर्माना भी किया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नई नीति अधिसूचित कर दी गई है। बुधवार को विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने इस बाबत एसओपी जारी की है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को व्यवस्थित करने और ठिकाने लगाने के लिए ये कवायद है। घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में हरे, नीले और लाल डिब्बे का उपयोग कर कचरे का संग्रह किया जाएगा। आदेशों का बार-बार उल्लंघन करने वाली वाणिज्यिक संस्थाओं के व्यापार लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।

ग्रामीण स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिरता को बदलने के उद्देश्य से सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नीति 2024 को लागू करने का फैसला लिया गया है। अधिसूचना के तहत स्वच्छता शुल्क लगाने, 15वें वित्त आयोग के अनुदानों का उपयोग करने, बुनियादी ढांचे के विकास और परिचालन लागतों का समर्थन करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) मॉडल को बढ़ावा देने की अनुमति दी गई है। ग्राम पंचायत, पंचायत समितियां और जिला परिषद और संबंधित विभाग नई नीति को प्रदेश में लागू करेंगे। नामित संग्रहकर्ताओं की ओर से प्रतिदिन कचरा एकत्र किया जाएगा।

विभिन्न संस्थाओं की जिम्मेवारी तय
ग्रामीण विकास विभाग एसओपी जारी करने, प्रशिक्षण और अंतर-एजेंसी सहयोग का समन्वय करेगा। जिला परिषद तकनीकी, वित्तीय सहायता प्रदान करेंगी और कार्यान्वयन की देखरेख करेंगी। पंचायत समितियां संचालन की निगरानी करेंगी और निधियों का उचित उपयोग सुनिश्चित करेंगी।

निगरानी और क्षमता निर्माण
खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) ब्लॉक स्तरीय गतिविधियों की देखरेख करेंगे, जबकि उपायुक्त राज्य को तिमाही अपडेट प्रदान करेंगे। पीआरआई और सफाई कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण करवाए जाएंगे। ग्राम सभाओं और स्थानीय मीडिया के माध्यम से जागरुकता अभियान चलाए जाएंगे।

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