जनजातीय क्षेत्रों में 15 बच्चों वाले हाई-सेकेंडरी स्कूल होंगे मर्ज, हॉस्टलों का भी होगा निर्माण

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Himachal High secondary schools with 15 children in tribal areas will be merged hostels constructed

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हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों में स्कूल मर्ज करने के नियमों में छूट दी जाएगी। लाहौल-स्पीति, किन्नौर समेत चंबा और शिमला के कुछ स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग को अलग नियम बनाने को कहा गया है। इन क्षेत्रों में 15 बच्चों की संख्या वाले हाई और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मर्ज किए जाएंगे। प्रदेश के सामान्य क्षेत्रों के लिए 25 बच्चों की संख्या तय की गई है। जनजातीय क्षेत्रों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए छात्रावासों का भी निर्माण किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि जनजातीय क्षेत्र में स्कूल मर्ज करने के लिए नियमों में छूट दी है। इन क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति भिन्न है। यहां सामान्य क्षेत्रों जैसे नियम लागू नहीं किए जा सकते। अधिकारियों को कहा गया है कि छठी से बारहवीं कक्षा तक प्रदेश के सामान्य क्षेत्रों में स्कूल मर्ज करने के लिए जब 25 से कम विद्यार्थियों की संख्या तय गई है तो जनजातीय क्षेत्रों में यह संख्या 15 तय की जाए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्थानीय जन प्रतिनिधियों से भी इस बाबत राय ली जाएगी।

विभाग के मुताबिक, जिला लाहौल-स्पीति में विद्यार्थियों की संख्या करीब 2,700 है और शिक्षक 800 हैं। किन्नौर में 5,000 बच्चे हैं और 1500 शिक्षक। इन दिनों जिलों के कई बच्चे धर्मशाला, शिमला, मंडी, सहित अन्य जगहों में शिफ्ट हो रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने अब जनजातीय क्षेत्रों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए छात्रावासों का निर्माण करने का फैसला लिया है।

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